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कैमला गांव में ग्रामीणों को नशे से दूर रहने की शपथ दिलाते हुए डीएसपी व अन्य।
हरियाणा में करनाल में घरौंडा उपमंडल के कैमला गांव में नशामुक्त भारत पखवाड़ा के तहत एक जागरूकता कार्यक्रम किया गया। इसमें घरौंडा के डीएसपी मनोज कुमार और करनाल के डीएसपी नायब सिंह ने ग्रामीणों को नशे के दुष्प्रभाव की जानकारी दी। साथ ही ग्रामीणों को नशा
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कैमला गांव में डीएसपी मनोज कुमार ने कहा कि नशा को एक गंभीर लत और बीमारी है, जो व्यक्ति के मस्तिष्क और व्यवहार को बुरी तरह प्रभावित करता है। नशा मानसिक अस्वस्थता, कार्यस्थल या स्कूल में खराब प्रदर्शन और तनाव को दूर करने के प्रयास में लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लेता है। इसके अलावा, नशा करने वालों को पेट, बाउल, स्तन, मुंह, गले और लीवर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
कार्यक्रम में पहुंचे डीएसपी को सम्मानित करते हुए ग्रामीण।
युवाओं को शिक्षित करने का महत्व
डीएसपी नायब सिंह ने युवाओं को शिक्षित करने और उन्हें नशे जैसी बीमारी से बचाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि नशे को जड़ से मिटाने के लिए युवाओं को शिक्षित करना बेहद जरूरी है। तनाव से निपटने के लिए स्वस्थ तरीकों जैसे खेल, व्यायाम, योग और ध्यान अपनाने की सलाह दी गई। उन्होंने परिवार के साथ अधिक समय बिताने और सही मित्रों का चयन करने पर जोर दिया।
नायब सिंह ने बताया कि जो व्यक्ति नशा छोड़ना चाहता है या किसी प्रियजन की मदद करना चाहता है, वह नशा मुक्ति केंद्र से निशुल्क सहायता प्राप्त कर सकता है।
नशा छोड़ा और नौकरी भी लगी
डॉ. मनन गुप्ता ने बताया कि करनाल में 20 बिस्तरों का नशा मुक्ति केंद्र चलाया जा रहा है, जहां लोगों की काउंसिलिंग की जाती है और उन्हें नशा छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाता है। तीन वर्ष के दौरान नशा मुक्ति केंद्र में लगभग 4 हजार लोगों का नशा छुड़वा चुके है, जिनमें से कुछ की तो नौकरियां भी लगी है। उन्होंने कहा कि नशे के कारण ही बहुत सी बीमारियां जन्म लेती हैं और इससे बचने के लिए लोगों को जागरूक करना आवश्यक है।
कार्यक्रम के अंत में, सभी उपस्थित लोगों ने नशा मुक्त भारत अभियान के तहत यह संकल्प लिया कि वे जीवन में कभी भी नशा नहीं करेंगे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे। डीएसपी मनोज कुमार और नायब सिंह ने समाज को नशे की भयंकर आपदा से बचाने के लिए मिलकर काम करने की अपील की।
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