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बीडीके अस्पताल के पालनागृह में देर रात छोड़ गए बच्चा
शहर के बीडीके अस्पताल के पालना गृह में
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शनिवार की देर रात प्रीमेच्योर डिलीवरी से जन्मे एक बच्चे को कोई छोड़कर चला गया। बच्चे की सांसें एकबारगी तो रुक गई थी, लेकिन अस्पताल के डॉक्टरों व स्टाफ ने सीपीआर देकर उसका जीवन बचा लिया। डाक्टरों का कहना है कि बच्चे का जन्म 6 से 12 घंटे बीच ही हुआ है। बच्चे का जन्म किसी अस्पताल में हुआ है।
समय से पहले प्रसव होने के चलते बच्चे की हालत काफी नाजुक बनी हुई है।
अस्पताल के पालना गृह में शनिवार की रात 9:35 बजे कोई नवजात को छोड़ दिया। बेल बजने पर अस्पताल स्टाफ ने बच्चे को संभाला। प्रारंभिक जांच में बच्चे की सांस रुकी देखकर वहां मौजूद स्टाफ ने उसे सीपीआर देना शुरू – किया।
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जितेंद्र भांबू व डॉ. विजय – झाझड़िया को बुलाया। दोनों – डॉक्टरों ने बच्चे को एडमिट कर उसका उपचार शुरू किया। इसके बाद उसकी स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है। डॉ. भांबू ने बताया कि बच्चे का वजन करीब डेढ़ किलो है तथा 6 से 12 घंटे पहले ही संस्थागत प्रसव के जरिए उसकी प्रीमेच्योर डिलीवरी हुई है। प्रीमेच्योर डिलीवरी होने के कारण सांस लेने में बच्चे को परेशानी हो रही है।
इस कारण नवजात की हालत गंभीर बनी हुई है। गौरतलब है कि इससे पहले 22 मई को भी बीडीके अस्पताल के पालना गृह में एक बच्चा मिला था। सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची।
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