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शुक्रवार शाम पटौदी के बूथ एजेंटों की बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह।
केंद्रीय मंत्री और गुरुग्राम से सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने तीन विधानसभा क्षेत्र रेवाड़ी, बावल, पटौदी में गिरे ग्राफ को लेकर मंथन शुरू कर दिया है। लोकसभा चुनाव रिजल्ट को लेकर शनिवार को केंद्रीय मंत्री ने रेवाड़ी और बावल के बूथ एजेंटों की मीटिंग बुलाई है
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बैठक में पार्टी पदाधिकारियों की बजाए सिर्फ बूथ एजेंटों को ही बुलाया गया है।
राव इंद्रजीत सिंह को रेवाड़ी, बावल और पटौदी में जिस तरह की लीड मिलने की उम्मीद थी इस बार उसके बिल्कुल उलट हो गया। ऐसे में राव इंद्रजीत सिंह जानने की कोशिश में लगे हैं कि आखिर वोट कम क्यों हुआ और दिक्कत आई तो क्यों आई। यहीं दो सवाल बूथ एजेंटों से किए जाने हैं। 3 महीने बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। दक्षिणी हरियाणा में राव इंद्रजीत सिंह की भूमिका काफी अहम है। लगातार तीसरी बार मोदी सरकार में मंत्री पद जरूर राव इंद्रजीत सिंह को मिल गया, लेकिन वे विधानसभा चुनाव में अहम भूमिका में दिखाई दे सकते हैं। राव पहले ही साफ कर चुके हैं कि दक्षिणी हरियाणा के मार्फत ही सत्ता तक पहुंचना है।
ऐसे में राव इंद्रजीत सिंह के सामने खुद के गढ़ दक्षिणी हरियाणा को मजबूत करने की चुनौती खड़ी है। सूत्रों के अनुसार पटौदी विधानसभा के बूथ एजेंटों की मीटिंग में राव ने कुछ सवाल पूछे। जिसके बाद कहा कि इस बार एक समुदाय (एससी वोटर्स) की कुछ नाराजगी रही, जिन्हें मनाना है। साथ ही गुरुग्राम से लेकर नांगल चौधरी तक विधानसभा चुनाव में जुट जाने का भी संदेश दिया गया। मीटिंग की खास बात ये है कि इसमें बीजेपी के पदाधिकारियों की बजाए राव समर्थकों को तहरीज दी गई है। राव की कोशिश है कि इस बार विधानसभा चुनाव में विरोधियों की बजाए ज्यादा से ज्यादा अपने खुद के समर्थकों को चुनाव लड़ाया जाए।
राव इंद्रजीत सिंह को इस बार के चुनाव में पटौदी, रेवाड़ी, बावल विधानसभा में उतनी वोट नहीं मिल पाई, जितनी उन्हें उम्मीद थी। जबकि 2019 के चुनाव में एक तरफा उन्हें वोट मिली थी।
सबसे कम बावल में मिली लीड, यही राव का गढ़
बता दें कि गुरुग्राम लोकसभा के 9 हल्कों में नूंह जिले की मुस्लिम बाहुल्य तीन विधानसभा सीटों को छोड़कर सबसे कम वोट राव इंद्रजीत सिंह को बावल हल्के में मिले हैं। यहां राव को 85903 और कांग्रेस के राज बब्बर को 63409 वोट मिले, जबकि बावल राव इंद्रजीत सिंह का गढ़ रहा है। यहां से उनके समर्थित डा. बनवारी लाल प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री है। इतना ही नहीं रेवाड़ी विधानसभा सीट पर राव इंद्रजीत सिंह एक लाख वोट की लीड का सपना संजोए थे, जबकि यहां भी महज 36 हजार की लीड मिली। इसी तरह पटौदी में राव इंद्रजीत सिंह को 101187 तो राज बब्बर को 58197 वोट मिले।
शहर में बढ़त, गांवों में गिरा ग्राफ
लोकसभा चुनाव में फेमिली आईडी, प्रॉपर्टी आईडी जैसे मुद्दों के प्रभावी रहने की बात सामने आई। जबकि राव इंद्रजीत सिंह को शहरी क्षेत्र में तो अच्छी खासी वोट मिली, लेकिन ग्रामीण एरिया में कुछ खास वोट नहीं मिल पाए। राव इंद्रजीत सिंह ग्रामीण एरिया में गिरे ग्राफ को कवर करने की कोशिश में लगे है। साथ ही इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है कि आखिर कौन सी सीट पर किस नेता ने भीतरघात की कोशिश की।
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