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अब तक आपने बाल विवाह करवाने पर परिवार और पंडित के खिलाफ कार्रवाई के बारे में सुना है। लेकिन इंदौर में पहली बार मैरिज गार्डन संचालक पर केस दर्ज हुआ है। मामले में पंडित और दूल्हा-दुल्हन के घर वालों सहित कुल 10 लोगों को आरोपी बनाया गया है। शादी के बाद ब
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25 अप्रैल 2024 को पालदा रोड स्थित सूर्य वाटिका में 14 साल 8 महीने की बालिका की शादी 19 साल के युवक से की गई। दूल्हा-दुल्हन के घर वाले और रिश्तेदार शादी में शामिल हुए। यहां तक सब कुछ अच्छा चला। शादी के बाद दुल्हन ससुराल चली गई। ससुराल वाले उसे मायके नहीं जाने देते। मायके से कोई मिलने आता तो उसे मिलने भी नहीं दिया जाता।
एक-डेढ़ महीने तक ये सब चलता रहा। इस दौरान दोनों परिवार के लोगों की फोन पर बात हुई। लेकिन लड़की को मायके नहीं जाने दिया। लड़की गरीब परिवार से है, जबकि लड़का संपन्न परिवार से ताल्लुक रखता है। आखिरकार लड़की के पिता ने ससुराल वालों पर कार्रवाई करने का मन बनाया और गुरुवार 13 जून को चाइल्ड हेल्पलाइन पर शिकायत कर दी।
लड़की को थाने लाए, रिश्तेदारों की लिस्ट तैयार की
वहां से शिकायत महिला बाल विकास अधिकारी को ट्रांसफर हुई। 14 जून को जिला कार्यक्रम अधिकारी रामनिवास बुधौलिया ने मामले में परीक्षण करने के निर्देश क्षेत्रीय सुपरवाइजर को दिए। सुपरवाइजर नेहा राजोरिया और ललिता नवाया लड़की को ससुराल से लेकर थाना आजाद नगर पहुंची। इसके बाद मामले को लेकर लाडो अभियान कोर ग्रुप के महेंद्र पाठक को आगामी कार्रवाई की जिम्मेदारी सौंपी गई। पाठक अपने साथी शैलेष शर्मा के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने दोनों पक्षों से पूछताछ की और शादी के सबूत के तौर पर फोटो-वीडियो इकट्ठा किए। इसके बाद शादी में शामिल होने वाले लोगों की लिस्ट तैयार की गई।
शादी के लिए मना कर रहे थे लड़की वालों ने दबाव बनाया
बाल विवाह में शामिल होने पर दूल्हे के 3 जीजा पर भी केस दर्ज हुआ है। बहनों ने कहा कि हम तो अभी भाई की शादी के लिए मना कर रहे थे। लेकिन लड़की वालों ने ही शादी करने का दबाव बनाया था। हम सब को फंसा दिया। बता दें करीब डेढ़ महीने से नाबालिग लड़की पति के यहां ससुराल में रह रही है। मामले में अब लड़की का मेडिकल भी करवाया जाएगा। मेडिकल में सामने आने वाली रिपोर्ट के आधार पर पुलिस धारा बढ़ाकर कार्रवाई कर सकती है। शारीरिक संबंध की पुष्टि होने पर लड़के के खिलाफ पॉक्सो एक्ट भी लगेगा।
टेंट वाले, बैंड वाले, घोड़ी वाले सभी को ये है निर्देश
बता दें कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देशन में जिले में बाल विवाह की रोकथाम को लेकर सतत कार्रवाई की जा रही है। संदेश के बाद भी जो लोग चोरी छुपे कम उम्र में बच्चों का विवाह कर रहे हैं उनके खिलाफ अधिनियम कहते हैं कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है। कलेक्टर ने विवाह के दौरान सेवाएं देने वाले टेंट वाले, बैंड वाले, घोड़ी वाले, रसोइया, पंडित, मौलवी, धर्मशाला, होटल और मैरिज गार्डन संचालकों को शादी से पहले लड़के और लड़की की उम्र जानने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में जिले में धारा 144 भी प्रभावी है।
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