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पुलिस जांच में जुटी
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
पतंजलि योगपीठ के सचिव बालकृष्ण सहित दो लोगों पर गांधीपार्क थाने में मुकदमा दर्ज होने के मामले में नया मोड़ आ गया है। पुलिस ने माना है कि यह ऑनलाइन साइबर ठगी का मामला है। बालकृष्ण के नाम पर यह ठगी की गई है। वहीं मुंशी ने भी भूलवश तहरीर के आधार पर मुकदमे में बालकृष्ण का नाम चढ़ा दिया। मुकदमे से उनका नाम पहले ही पर्चे में हटा दिया गया है। इस जानकारी पर मुकदमा दर्ज कराने वाले अखिल भारत हिंदू महासभा प्रवक्ता ने ऐतराज जताया है और विवेचना किसी अन्य थाने से कराने का अनुरोध अधिकारियों से किया है।
यह मुकदमा दर्ज कराते हुए बी दास कंपाउंड निवासी अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रवक्ता डा.अशोक पांडेय ने कहा कि उनके साथ पतंजलि योग पीठ हरिद्वार के पतंजलि योग ग्राम में नेचुरोपैथी सेंटर में शामिल होने के लिए आवेदन करने पर ठगी हुई। उन्होंने गूगल पर नंबर लेकर आवेदन किया। इसी प्रक्रिया में जब ठगी हुई और उन्हें ठगी का अहसास हुआ तो अलग अलग नंबरों पर बातचीत के बाद भी पतंजलि से उन्हें संतुष्ट नहीं किया जा सका। चूंकि ऑनलाइन आवेदन में आचार्य बालकृष्ण के हस्ताक्षर व मुहर है। साथ में बैंक खाते में रकम ली गई है। इसलिए उनका नाम मुकदमे में शामिल किया गया।
वहीं पुलिस ने पहले ही पर्चे में आचार्य बाल कृष्ण का नाम यह कहकर हटा दिया कि यह ठगी उनके नाम से हुई है। मुंशी ने भी भूलवश नाम चढ़ा दिया। इस पर अशोक पांडेय ने पुलिस अधिकारियों से मुलाकात कर ऐतराज जताया और विवेचना दूसरे दथाने में कराने का अनुरोध किया। एसओ का कहना है कि नाम से ठगी हुई है। मुंशी ने भूलवश नाम चढ़ा दिया। इसलिए नाम हटाया गया है। वहीं सीओ द्वितीय राकेश सिसौदिया का कहना है कि यह ऑनलाइन ठगी का मामला आचार्य बाल कृष्ण के नाम से हुआ है। मामले में विवेचना की जा रही है।
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