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भारत में आज भी सोने को सर्वश्रेष्ठ निवेश माना जाता है। लेकिन राजस्थान में सर्राफा व्यापारी आम जनता के विश्वास को तोड़कर बड़ा धोखा दे रहे हैं। प्रदेशभर में खोटा सोना और नकली ज्वेलरी बेची जा रही है। इसमें सोने की मात्रा न के बराबर है।
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ऐसे में अगर आपने भी सोने की ज्वेलरी खरीद अपने घर में उसे सहेज कर रखा है। तो सावधान हो जाएं, क्योंकि आपकी ज्वेलरी में भी बड़ी मिलावट हो सकती है।
आज बाजार में दो ग्राम वजन तक के गहनों में ज्यादातर बिल्कुल नकली हैं। यानी इनमें सोने की मात्रा 0% है। छोटे गहनों में खोट ज्यादा है। चौंकाने वाली बात यह भी है कि सोने के पुराने गहनों में मिलावट ज्यादा मिली है।
लोग गोल्ड में निवेश को सुरक्षित समझते हैं लेकिन सोना खरीदने से पहले उसकी शुद्धता जरूर चेक करें।
सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी की लैब में जांचे गए लौंग, कंगन, चूड़ी, नेकलस, झुमकी, चेन समेत 1040 गहनों में सोना जीरो फीसदी तक मिला। बाजार में इनकी कोई कीमत नहीं। 10 फीसदी गहनों में 60 फीसदी तक सोना था। जबकि 85 फीसदी गहनों में 80 फीसदी से कम सोना था।
30 फीसदी गहने तो ऐसे थे कि जिनमें सोने की शुद्धता 70 फीसदी तक ही निकली। कुछ में तो सोना 10 फीसदी ही मिला। केवल 15 फीसदी गहने ही ऐसे थे, जिनमें सोना 90 से 100 फीसदी था।
आम दिनों में सर्राफा बाजार में लौंग जैसे सोने के आइटम सबसे ज्यादा बिकते हैं। इनमें 60 फीसदी तक ही सोना मिला है। जबकि इनको 22 कैरेट यानी 91.6% सोने का बताकर बेचा जाता है। ये दो ग्राम से कम वजनी होते हैं। केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने दो ग्राम से कम वजन के सोने के गहनों के लिए हॉलमार्क अनिवार्य नहीं किया है।
ऐसे में इन्हीं गहनों में तय मात्रा से कम सोना मिलने की शिकायत है।
हल्के गोल्ड आइटम में सोने की मात्रा बहुत कम या न के बराबर पाई गई है।
दिल्ली, मुंबई से आ रहे गहने
हॉलमार्क सेंटर संचालकों के मुताबिक, फर्स्ट पाॅइंट हॉलमार्क यानी निर्माण इकाई के स्तर पर हॉलमार्किंग की व्यवस्था होने के कारण दूसरे राज्यों के शहरों से आ रहीं हॉलमार्क गोल्ड ज्वेलरी पर एक समान एचयूआईडी नंबर मिले हैं।
इससे गहने में सोने की शुद्धता को लेकर गड़बड़ की आशंका रहती है। दो साल पहले हॉलमार्क लागू होने के बाद से बाजार में 14, 18, 20, 22 और 23 कैरेट सोने के हॉलमार्क गहने बेचने की मंजूरी है। जिन जिलों में हॉलमार्क अनिवार्य है। उनमें ज्वेलर तय कैरेट के हिसाब से गोल्ड ज्वेलरी का कारोबार कर सकते हैं।
जयपुर सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी के अध्यक्ष कैलाश मित्तल ने बताया- ज्वैलर्स केवल हॉलमार्क ज्वेलरी ही बेचते हैं। पुराने सोने के गहनों में खोट ज्यादा मिली है, क्योंकि उस समय शुद्धता की निगरानी की व्यवस्था नहीं थी। दो ग्राम से कम वजनी गहनों में शुद्धता सबसे कम है।
गांव-कस्बों में 91.6% सोना बताकर 20-30% सोना बेचा जा रहा है। क्योंकि हॉलमार्क की व्यवस्था सिर्फ बड़े शहरों में ही लागू है। जिसकी वजह से गांवों और छोटे जिलों में ज्वैलर्स बिना हॉलमार्क के गहने बेच रहे हैं।
हॉलमार्क को लेकर भास्कर की टीम ने बीआईएस की जयपुर निदेशक कनिका कालिया से जनता से जुड़े सवाल पूछे..
सवाल – क्या बीआईएस हर ज्वेलर की ज्वेलरी की जांच करता है?
जवाब – हम रेंडम सर्वे करते रहते हैं। साल में एक बार हर ज्वेलर से सैंपल लेकर जांच करते हैं।
सवाल – जयपुर में ही तीन हजार ज्वेलर हैं, क्या सबकी जांच की जाती है?
जवाब – अभी सब ज्वैलर्स तक नहीं पहुंच पा रहे, आगे सभी ज्वेलर तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं।
सवाल – हॉलमार्क लागू होने के बाद कितने ज्वैलर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई?
जवाब – अभी संख्या का सटीक आंकड़ा तो नहीं है, लेकिन कई के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है।
सवाल – कम प्योरिटी की गोल्ड ज्वेलरी बेचने वालों के खिलाफ क्या एक्शन करते हैं?
जवाब – जिस ज्वेलर का सैंपल फेल होता है। उसकी दोबारा सैंपलिंग करते हैं और आगे के लिए चेतावनी दी जाती। दुबारा सैंपल फेल होने पर उसका हॉलमार्क लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉल मार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें
सोना खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान
1. सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें
हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉल मार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। नए नियम के तहत एक अप्रैल से 6 डिजिट वाले अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्किंग के बिना सोना नहीं बिकेगा। जैसे आधार कार्ड पर 12 अंकों का कोड होता है, उसी तरह से सोने पर 6 अंकों का हॉल मार्क कोड होगा। इसे हॉल मार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी HUID कहते हैं।
ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह से हो सकता है- AZ4524। हॉलमार्किंग के जरिए ये पता करना संभव हो गया है कि कोई सोना कितने कैरेट का है।
2. कीमत क्रॉस चेक करें
सोने का सही वजन और खरीदने के दिन उसकी कीमत कई सोर्सेज (जैसे इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट) से क्रॉस चेक करें। सोने का भाव 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के हिसाब से अलग-अलग होता है।
24 कैरेट सोने को सबसे शुद्ध सोना माना गया है, लेकिन इसकी ज्वेलरी नहीं बनती, क्योंकि वो बेहद मुलायम होता है। आमतौर पर ज्वेलरी के लिए 22 कैरेट या इससे कम कैरेट सोने का इस्तेमाल किया जाता है।
कैरेट के हिसाब से ऐसे चेक करें कीमत
मान लीजिए 24 कैरेट सोने का दाम 60 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम है। यानी एक ग्राम सोने की कीमत हुई 6000 रुपए। ऐसे में 1 कैरेट शुद्धता वाले 1 ग्राम सोने की कीमत हुई 6000/24 यानी 250 रुपए।
अब मान लीजिए आपकी ज्वेलरी 18 कैरेट शुद्ध सोने से बनी है तो 18×250 यानी इसकी कीमत 4,500 रुपए प्रति ग्राम हुई। अब आपकी ज्वेलरी जितने भी ग्राम की है उसमें 4,500 रुपए का गुणा करके सोने की सही कीमत निकाली जा सकती है।
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