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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद इटली में जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जाएंगे. पीएम मोदी और उनके कनाडाई समकक्ष जस्टिन ट्रूडो शुक्रवार को यहां आमने सामने होंगे. भारत सरकार ने एक बयान में कहा है कि सरकार ने दोहराया कि कनाडा के साथ भारत का मुख्य मुद्दा हिंसा और उग्रवाद की वकालत करने वाले भारत विरोधी तत्वों को दी गई राजनीतिक जगह है. अब सबकी निगाहें ट्रूडो के रवैये पर निर्भर करता है. ट्रूडो के रवैये से ही भारत अपने रिश्तों को आगे ले जाएगा.
TOI की रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को इटली पहुंचेंगे, जहां वे आमंत्रित देश के नेता के रूप में आर्थिक रूप से सबसे उन्नत देशों के शिखर सम्मेलन में लगातार पांचवीं बार भाग लेंगे. वे वैश्विक दक्षिण से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के साथ-साथ रूस-यूक्रेन संघर्ष को हल करने के लिए संवाद और कूटनीति के महत्व को रेखांकित करेंगे, जो गाजा संघर्ष के साथ-साथ जी7 एजेंडे में सबसे ऊपर है.
प्रधानमंत्री शुक्रवार को जी7 आउटरीच सत्र में भाग लेंगे और जी7 तथा अन्य आमंत्रित नेताओं के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे. विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बुधवार को केवल इतालवी प्रधानमंत्री और मेजबान जियोर्जिया मेलोनी के साथ बैठक की पुष्टि की, क्योंकि उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय बैठकों की सूची अभी भी अंतिम रूप दी जा रही है. ट्रूडो के साथ बैठक की संभावना से इनकार नहीं किया गया.
मोदी की जी7 यात्रा के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए क्वात्रा ने कहा, ‘मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा भारत विरोधी तत्वों को राजनीतिक स्थान प्रदान करता है जो चरमपंथ और हिंसा की वकालत करते हैं. हमने बार-बार अपनी चिंताओं से उन्हें अवगत कराया है और हम उनसे कड़ी कार्रवाई की उम्मीद करते हैं.’ यह शिखर सम्मेलन पुगलिया के दक्षिणी क्षेत्र में एक आलीशान रिसॉर्ट में आयोजित किया जा रहा है.
Tags: Justin Trudeau, Khalistani Terrorists, PM Modi
FIRST PUBLISHED : June 13, 2024, 07:04 IST
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