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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस बार गर्मी और बिजली की परेशानी झेलने के बाद शहरवासियों को एक और बड़ी परेशानी का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा। यहां पर हम मानसून के मौसम में मच्छरों से होने वाली बीमारियों की बात कर रहे हैं। और ऐसा कहने की वजह पिछले साल के वो डरावने आंकड़े हैं, जिन्हें हाल ही में दिल्ली नगर निगम (MCD) ने जारी किया है। MCD की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पिछले साल मानसून के मौसम में दिल्ली में मच्छरों से होने वाली डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों की संख्या के मामलों में 2022 की अपेक्षा लगभग 90 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
इस रिपोर्ट में आगामी मानसून के मौसम में मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए निगम की कार्य योजना का भी जिक्र किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार 2020 से पिछले चार साल में घरों के निरीक्षण के दौरान मिले मच्छरों की प्रजनन की संख्या में वृद्धि हुई है। बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में इस साल 27 जून के आसपास मानसून आने की उम्मीद है।
रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में 2023 में घरों में मच्छरों के प्रजनन के 3,25,875 मामले दर्ज किए गए, जो 2022 में दर्ज 1,71,931 से लगभग 90 प्रतिशत अधिक है। 2022 में घरों में मच्छरों के प्रजनन के मामलों में 24,000 से अधिक मामलों की गिरावट दर्ज की गई थी। 2021 में दिल्ली में ऐसे 1,96,303 मामले दर्ज किए गए थे वहीं 2020 में इनकी संख्या 1,09,550 थी।
रिपोर्ट में बताया गया है कि नगर निगम (MCD) द्वारा मच्छरों के प्रजनन वाले घरों के मालिकों को जारी किए गए कानूनी नोटिसों की संख्या 2022 में 1,22,282 थी जो 2023 में बढ़कर 1,72,481 हो गई। इस प्रकार एक साल में 41 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
इसके अलावा, MCD ने शहर में मच्छर जनित बीमारियों के प्रजनन की जांच के लिए 2023 में 41,476,581 घरों का निरीक्षण किया, जो इससे पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 15 प्रतिशत अधिक था। 2022 में 36,076,419 घरों का निरीक्षण किया गया था, जबकि 2021 में यह संख्या 30,795,251 और 2020 में 12,286,481 थी।
वर्ष 2023 में एमसीडी (मलेरिया और मच्छर जनित अन्य रोग) उपनियम 1975 के उल्लंघन के लिए 74,342 लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाया गया जबकि 2022 में 45,934 लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई। 2021 में यह संख्या 27,427 थी और 2020 में 10,372 थी।
दिल्ली नगर निगम ने पिछले साल अगस्त से डेंगू के मामलों की संख्या, उससे होने वाली मौतों और ऐसे रोगों की स्थिति पर अपना साप्ताहिक आंकड़ा जारी नहीं किया है। नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले से यह कवायद रुकी हुई थी।
जब आंकड़ों के बारे में पूछा गया तो एमसीडी के अधिकारियों ने यह कहते हुए डेटा देने से इनकार कर दिया कि वे तैयार नहीं हैं। हालांकि, नगर निगम के सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि रिकॉर्ड नियमित रूप से बनाए रखे जाते हैं और ऐसे में माना जा रहा है कि संख्याएं बहुत अधिक हैं।
वहीं मच्छरों से निपटने के लिए MCD की इस साल की तैयारियों की बात करें तो उसने मानसून सीजन से पहले राष्ट्रीय राजधानी में मच्छर जनित बीमारियों को रोकने और नियंत्रित करने के लिए PWD, पुलिस, ASI और दिल्ली मेट्रो सहित विभिन्न एजेंसियों को शामिल किया है। दिल्ली नगर निगम की 2024-25 की कार्ययोजना के अनुसार उसने एक मल्टी-एजेंसी टास्क फोर्स बनाने के अलावा लार्वा विरोधी उपाय तैयार किए हैं और मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों के प्रसार के बारे में जागरूकता फैलाने की व्यवस्था की है।
अस्पतालों को भी एडवांस तैयारी करने का निर्देश देते हुए डेंगू रोगियों के लिए बिस्तर आरक्षित करने के लिए कहा गया है, जिसमें पिछले साल 90 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई थी। इसके अलावा जोनल लेवल टास्क फोर्स भी काम करेगी जो नालियों और जल निकायों की सफाई करते हुए गाद निकालने और जलकुंभी हटाने जैसी लार्वा-रोधी गतिविधियों को अंजाम देगी।
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