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संसद से पास हुए तीन नए आपराधिक कानून देश भर में एक जुलाई से लागू होंगे । नए कानूनों ने विधि विज्ञान की उपयोगिता काफी बढ़ गई है । ऐसे में राजस्थान पुलिस स्थापना दिवस के मौके पर आरपीए में ‘रोल ऑफ फॉरेंसिक इन क्रिमिनल इंवेस्टिगेशन‘ विषय पर सेमिनार का आय
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राजस्थान पुलिस के स्थापना दिवस के मौके पर गुरुवार को आरपीए सभागार में सेमिनार का आयोजन हुआ। सेमिनार में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी डॉ.जीके गोस्वामी ने विधि विज्ञान के तकनीकी पहलुओं पर अपना संबोधन दिया । डॉ.जीके गोस्वामी ने कहा कि फोरेंसिक विज्ञान में चिकित्सा, शल्य चिकित्सा, जीव विज्ञान, फोटोग्राफी, भौतिकी और रसायन विज्ञान सरीखी कई शाखाएं है। अपराध के घटित होने के बाद साक्ष्य जुटाने से लेकर केस के परिणाम तक विधि विज्ञान काफी उपयोगी है। कई आपराधिक घटनाओं में साक्ष्य होने के बाद भी अपराधी के मुक्त होने पर उन्होंने कहा कि घटना के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए विधि अनुसार साक्ष्य जुटाए जाने चाहिए । उन्होंने कहा कि नए कानून लागू होने के बाद विधि विज्ञान का महत्व और बढ़ जाएगा ।
आपराधिक घटनाओं की जांच में विधि विज्ञान की उपयोगिता पर राजस्थान पुलिस के मुखिया डीजीपी यू आर साहू ने कहा कि आपराधिक घटनाओं के साक्ष्य जुटाने और उनकी जांच में विधि विज्ञान उपयोगी है। केंद्र की ओर से एक जुलाई से लागू हो रहे तीन नए कानूनों में विधि विज्ञान का महत्व और बढ़ जाएगा । ऐसे आयोजनों के जरिए प्रदेश के पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को विधि विज्ञान और तकनीकी बारीकियों की और जानकारी मिलेगी । जिसका प्रकरणों की जांच और परिणाम में असर दिखेगा ।
देश में लागू होने वाले तीन नए कानूनों को लेकर राजस्थान पुलिस बेड़े को प्रशिक्षित करने का काम जोरो पर है । राजस्थान पुलिस की ओर से तमाम पुलिसकर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर नए कानूनों के प्रति जानकारी दी जा रही है । ऐसे समय में विधि विज्ञान विषय पर विशेषज्ञों का संबोधन पुलिसकर्मियों को तकनीकी जानकारी भी मुहैया करा रहा है ।
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