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पुणे, एजेंसी। किशोर न्याय बोर्ड ने पुणे पोर्श कार हादसे में दो आईटी इंजीनियरों की मौत के मामले में आरोपी किशोर की सुधार गृह हिरासत बुधवार को 25 जून तक के लिए बढ़ा दी।
पुणे पुलिस ने किशोर की सुरक्षा का हवाला देते हुए उसे 14 दिन के लिए सुधार गृह में रखने का अनुरोध किया था। पुलिस ने बोर्ड को बताया कि फिलहाल किशोर की रिहाई से मामले की जांच में बाधा आ सकती है। बचाव पक्ष ने हिरासत अवधि बढ़ाने की मांग का विरोध किया और बोर्ड से कहा कि नाबालिग को रिहा किया जाना चाहिए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद बोर्ड ने अपना फैसला सुना दिया।
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सेना की मदद से फोरेंसिक रिपोर्ट तैयार
मामले की जांच कर रही पुणे पुलिस ने सेना के एक फोरेंसिक विशेषज्ञ की सहायता से विस्तृत दुर्घटना प्रभाव विश्लेषण रिपोर्ट तैयार की है। इसका उद्देश्य दुर्घटना में शामिल बाइक पर पोर्श कार के प्रभाव और दो मृतकों को लगी चोटों के बीच संबंध स्थापित करना है। मामले में आरोपी की संलिप्तता को समझने के लिए यह रिपोर्ट महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
सीसीटीवी फुटेज में रिश्वत लेते कर्मचारी दिखा
पुणे पुलिस को एक सीसीटीवी फुटेज मिली है, जिसमें ससून अस्पताल के कर्मचारी अतुल घाटकांबले को रिश्वत लेते हुए दिखाया गया है। इस कर्मचारी पर दुर्घटना में शामिल किशोर के रक्त के नमूनों को बदलने की साजिश का हिस्सा होने का आरोप है। रक्त के नमूनों को बदलकर यह दिखाने के प्रयास किया गया था कि किशोर ने हादसे के वक्त शराब नहीं पी थी। इस मामले में दो डॉक्टर समेत पांच लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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