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सेंटर फॉर माइक्रोफाइनेंस द्वारा बुधवार को टाटा ट्रस्ट के सहयोग से प्रवासी श्रमिकों का सामाजिक सुरक्षा प्रावधानों से जुड़ाव पर किये गए आकलन अध्ययन की प्रस्तुति एवं परामर्श कार्यशाला का आयोजन जयपुर में किया गया। इसमें राजस्थान, उत्तर प्रदेश एवं अन्य राज
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सीएमएफ कार्यकारी अधिकारी मलिका श्रीवास्तव ने बताया कि इस कार्यशाला के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं और उनके समाधान के लिए नए दृष्टिकोण और विचारों को उजागर करने हेतु एक मंच प्रदान किया गया। विभिन्न विशेषज्ञों और हितधारकों ने प्रवासी श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा प्रावधानों से जुड़े मुद्दों पर अपने विचार साझा किए और उनके समाधान के लिए प्रभावी रणनीतियों पर चर्चा की। इस दौरान सीएमएफ-टाटा ट्रस्ट्स द्वारा पालिसी डेवलपमेंट एवं एडवाइजरी ग्रुप (पीडेग) के माध्यम से किए गए इस अध्ययन की रिपोर्ट का विमोचन किया गया। फिर अरिंदम बनर्जी, सह-संस्थापक और पार्टनर, पीडेग ने अध्ययन निष्कर्षों की प्रस्तुति दी।
पहली पैनल चर्चा में प्रवासी श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा और कल्याण योजनाओं के प्रभावी डिजाइन और डिलीवरीज् पर चर्चा हुई। पैनल में पीएचआईए, आजीविका ब्यूरो, टीसीएल, आगा खान फाउंडेशन और उरमुल खेड़ी संस्थान के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसका संचालन टाटा ट्रस्ट्स के जोनल हेड (नार्थ) शारदा गौतम द्वारा किया गया।
दूसरी पैनल चर्चा में गंतव्य स्थलों पर प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए आवास और अन्य सुविधाओं तक पहुंच पर चर्चा हुई। इस पैनल में टाटा ट्रस्ट्स, सेफ एंड रेस्पोंसिबल माइग्रेशन सेंटर लद्दाख, जीएसवीएस और विज्ञान फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी । इस पैनल चर्चा का संचालन टाटा ट्रस्ट्स एडवाइजर जयपाल सिंह द्वारा किया गया। विशेष संबोधन में केरल सरकार के राज्य योजना बोर्ड के सदस्य डॉ. के. रवि रमन ने प्रवासी कल्याण और आवास पर केरल सरकार की पहलों पर विचार ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर साझा किया।
इस आकलन प्रस्तुति एवं परामर्श के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों के कल्याण और उनकी सामाजिक सुरक्षा से जुड़े विषयों पर विशेषज्ञों और प्रतिभागियों द्वारा दिए गए सुझावों को सम्मिलित करते हुए आकलन रिपोर्ट को सभी हितधारकों के साथ साझा किया जाएगा।
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