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मोबाइल की रोशनी में डॉक्टर ने लिखी दवाइयां
– फोटो : अमर उजाला
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दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल की इमरजेंसी ओटी, डिजिटल एक्सरे पर ताला लगा रहा। तय समय पर ओपीडी तो खुली लेकिन अंधेरा छाया रहा। मोबाइल की रोशनी में डॉक्टरों ने पर्चे पर दवाइयां लिखीं। सुबह नौ बजे तक एआरवी कक्ष नहीं खुला। लिहाजा दूर दराज से आए लोग थक हारकर जमीन पर बैठे रहे। सोमवार को अमर उजाला की पड़ताल में ऐसा ही दृश्य नजर आया।
जिला अस्पताल में मरीजों को बेहतर सुविधाएं दिलाने का दावा तो खूब किया जाता है लेकिन हकीकत बिल्कुल इससे अलग है। स्थिति यह है कि यहां दो दिन लगातार शार्ट सर्किट होने के बाद भी प्रशासन ने नहीं चेता। सोमवार को सुबह ओपीडी ब्लॉक-2 की ओपीडी में अंधेरा छाया रहा। सुबह 8 बजे भी बिजली नहीं आई तो मरीजों को डॉक्टरों ने देखना शुरू किया।
फिजिशियन, बाल रोग विशेषज्ञ ने अपने कमरे में मरीजों से मोबाइल का टार्च जलाने को कहा और उसी की रोशनी में दवाइयां और जांच लिखी। करीब पौने नौ बजे बिजली आई। उधर अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में चलने वाली इमरजेंसी की व्यवस्था बेपटरी हो गई है। सोमवार की सुबह 8 बजे यहां पंजीकरण काउंटर पर कोई नहीं दिखा।
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