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राजधानी दिल्ली की सड़कों से जल्द ही करीब 1000 क्लस्टर बसें हट सकती हैं। दिल्ली में क्लस्टर बसों के सात डिपो का संचालन कर रही कंपनी से सरकार का अनुबंध (कॉन्ट्रैक्ट) 19 जून को खत्म हो जाएगा। ऐसी स्थिति में इन डिपो की 997 बसों का संचालन बंद हो जाएगा। माना जा रहा है कि, इतनी बड़ी संख्या में बसों को एक साथ सड़कों से हटा दिए जाने पर यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
इस मामले में परिवहन विभाग ने दिल्ली सरकार को रिपोर्ट बनाकर भेजी है। सरकार ने 997 बसों को एक साथ सड़कों से हटा दिए जाने पर यात्रियों की संभावित परेशानियों पर चिंता जताई है। दिल्ली के परिवहन मंत्री ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र भेजकर वैकल्पिक व्यवस्था किए जाने समेत कई बिंदुओं पर तत्काल रिपोर्ट मांगी है।
परिवहन विभाग की ओर से सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में भी संभावना जताई गई है कि 109 रूटों पर चलने वाली इन 997 बसों के सड़कों से हट जाने के कारण दिल्ली में बसों की भारी कमी हो जाएगी। इससे दैनिक यात्रियों को दिक्कत होगी। इन 109 रूटों पर यात्रा के लिए लोग अपने परिवहन संसाधनों का उपयोग करेंगे और इससे न सिर्फ सड़कों पर दबाव बढ़ेगा, बल्कि पर्यावरण पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है। सरकार ने पूर्व में भी जनहित में क्लस्टर बसों के अनुबंध की अवधि को विस्तार दिया था। ऐसे में अब इन 997 बसों के संचालन का अनुबंध खत्म हुआ तो फिर से बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।
परिवहन मंत्री ने विभाग की रिपोर्ट का अध्ययन कर इस पर टिप्पणी के साथ विभागीय अधिकारियों को भेजा है। साथ ही कई अन्य बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को भेजे पत्र में कहा है कि सरकार दोहरे उद्देश्य से दिल्ली में बसों की संख्या बढ़ाने का हर संभव प्रयास कर रही है। पहला यात्रियों की सुविधा बढ़ाना और दूसरा लोगों को निजी वाहनों से सार्वजनिक परिवहन की ओर जाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
स्थायी कर्मचारियों और ड्राइवर-कंडक्टरों की नौकरी पर भी संकट
क्लस्टर बसों के सात डिपो बंद होने पर 350 स्थायी कर्मचारियों के साथ-साथ करीब चार हजार ड्राइवर-कंडक्टरों की नौकरी पर भी संकट खड़ा हो गया है। बस डिपो का संचालन करने वाली कंपनी डिम्ट्स ने 350 कर्मचारियों को बीते महीने ही नोटिस भेजकर 19 जून को कार्यकाल खत्म होने की जानकारी दी है। अब चालकों और परिचालकों को भी 19 जून से नौकरी समाप्त होने की मौखिक जानकारी दे दी गई है। 10 साल से इन डिपो में काम कर रहे कर्मचारियों ने नौकरी के बदले दूसरी नौकरी दिए जाने की मांग की है। इसके लिए रविवार को उन्होंने सीमापुरी, दिलशाद गार्डन और राजघाट डिपो में कामकाज बंद कर विरोध जताया और धरने पर बैठ गए।
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