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राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की चाल भीषण गर्मी और चुनावी दौर के बीच मंद पड़ गई। जिले की 243 ग्राम पंचायतों में से वर्तमान में कार्य तो 223 ग्राम पंचायतों में संचालित हो रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर संचालित हो रही राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की चाल भीषण गर्मी और चुनावी दौर के बीच मंद पड़ गई। जिले की 243 ग्राम पंचायतों में से वर्तमान में कार्य तो 223 ग्राम पंचायतों में संचालित हो रहे हैं,
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जिले की 223 ग्राम पंचायतों में चल रहे कार्यों पर महज 15 हजार 94 मजदूर कार्यरत हैं, जबकि जिले में मनरेगा कार्यों पर औसतन 25 हजार तक मजदूरों का औसत रहता है, लेकिन वर्तमान में भीषण गर्मी के दौर में जहां 20 ग्राम पंचायतों में तो कार्य पूरी तरह बंद हैं। वहीं जिन पंचायतों में कार्य स्वीकृत हैं और चल रहे हैं, वहां भी मजदूरों की संख्या काफी कम बनी हुई है। योजना के तहत कई ग्राम पंचायतों में तो कार्य ही स्वीकृत नहीं हैं। इस बीच लोकसभा चुनाव आ गए, ऐसे में कार्यों की स्वीकृति ही जारी नहीं हो पाई। इसके अलावा इस बार जिले में भीषण गर्मी के दौर के कारण भी मजदूरों की संख्या प्रभावित हुई है।
जिले में आठ पंचायत समितियां हैं, जिनमें कुल 243 ग्राम पंचायतें हैं। वर्तमान में जिले की इन पंचायत समितियों की 223 पंचायतों में कार्य संचालित हैं, जिन पर करीब 15 हजार 94 मजदूर कार्यरत हैं। पंचायत समितिवार कार्यों पर नजर डालें तो वर्तमान में हिण्डौन की 39 पंचायतों में से 38 ग्राम पंचायतों में मनरेगा कार्य संचालित हो रहे हैं, जबकि टोडाभीम की कुल 43 ग्राम पंचायतों में से 43 में मनरेगा कार्य चल रहे हैं। अन्य पंचायत समितियों की स्थिति पर नजर डालें तो करौली पंचायत समिति की 32 पंचायतों में से केवल 29 पंचायतों में कार्य चल रहे हैं। इसी प्रकार सपोटरा पंचायत समिति में 36 ग्राम पंचायतों में से 31 में मनरेगा के तहत कार्य संचालित हैं। वहीं मण्डरायल की 24 पंचायतों में से 15 पंचायत, मासलपुर की 18 ग्राम पंचायतों में से 17 पंचायत, नादौती की 30 पंचायतों में से 29 पंचायत, श्रीमहावीरजी की 21 पंचायतों में से 21 में कार्य संचालित हो रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार मनरेगा के तहत मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के मामले में वर्तमान में करौली पंचायत समिति काफी पीछे है, जबकि सपोटरा अव्वल बना हुआ है। करौली पंचायत समिति की 32 पंचायतों में से 29 पंचायतों में कार्य संचालित हो रहे हैं, लेकिन मजूदरों की संख्या पर महज 136 ही है। अन्य पंचायत समितियों में श्रमिक संख्या देखें तो हिण्डौन की 38 ग्राम पंचायतों में 1246, मण्डरायल की 15 ग्राम पंचायतों में 2526, मासलपुर की 17 पंचायतों में 647, नादौती की 29 पंचायतों में 2606, सपोटरा की 31 पंचायतों में 5256, श्रीमहावीरजी की 21 पंचायतों में 504 और टोडाभीम की 43 ग्राम पंचायतों में 2173 श्रमिक ही कार्यरत हैं।
मनरेगा अधिशासी अभियंता नवल सिंह ने बताया कि तेज गर्मी और चुनाव के चलते श्रमिक संख्या में कुछ कमी आई है। बीच में कार्यों की स्वीकृति भी नहीं हो पाई थी। अब जल्द ही कार्यों में तेजी आएगी, जिससे श्रमिक संख्या में भी बढ़ोतरी होगी।
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