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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जल संकट और गहरा सकता है। दिल्ली की मंत्री आतिशी के बयानों से ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं। आतिशी ने दिल्ली में गहराए जल संकट के लिए हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं भाजपा ने केजरीवाल सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए सवाल किया कि वजीराबाद में बीते सात से आठ वर्षों के दौरान गाद क्यों नहीं निकाली गई। इसके साथ ही भाजपा ने इस मसले पर चर्चा कराने के लिए विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग की है।
दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा- हरियाणा को मुनक कैनाल में 1050 क्यूसेक पानी छोड़ना होता है। ऐसा किए जाने पर हजार क्यूसेक पानी दिल्ली पहुंचता है। लेकिन जून की शुरुआत से ही हरियाणा लगातार कम पानी छोड़ रहा है। पहली जून को 924 क्यूसेक पानी आया। यह चार जून तक 884 क्यूसेक हो गया। छह जून तक यह 856 क्यूसेक हो गया। सात जून को मात्र 840 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जाहिर है हरियाणा को जितना पानी छोड़ना चाहिए, नहीं छोड़ रहा है।
आतिशी ने कहा कि यदि दिल्ली में पानी आएगा ही नहीं तो स्वाभाविक है पानी की कमी होगी। यदि ऐसा ही रहा तो आने वाले दो से तीन दिनों में जल संयंत्रों में पानी का प्रोडक्शन घटेगा। इससे दिल्ली के हर इलाके में कम पानी पहुंचेगा। वहीं दिल्ली भाजपा ने केजरीवाल सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए इस मुद्दे पर विधानसभा सत्र बुलाए जाने की मांग की है।
दिल्ली भाजपा प्रमुख विरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आज दिल्ली वाले बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे है लेकिन केजरीवाल सरकार दोषारोपण का खेल खेल रही है। आतिशी यह तो शोर मचा रही हैं कि पानी कम आ रहा है लेकिन यह क्यों नहीं बता रहीं हैं कि बीते सात आठ वर्षों के दौरान वजीराबाद संयंत्र से गाद क्यों नहीं निकाली गई। सचदेवा ने कहा कि गाद नहीं निकाले जाने से संयंत्र के पास स्टोरेज घट गया है। मैं विधानसभा अध्यक्ष से मांग कर रहा हूं कि इस मसले पर तुरंत एसेंबली सत्र बुलाएं।
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