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गाजियाबाद पुलिस ने प्रॉपर्टी डीलर राकेश वार्ष्णेय हत्याकांड में 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
गाजियाबाद के प्रॉपर्टी डीलर की दिल्ली में हुई हत्या की प्लानिंग और उसके बाद की कहानी बेहद चौंका देने वाली है। मुख्य आरोपी ने इस प्लानिंग में तीन आरोपी जोड़े। एक को रुपए, दूसरे को एम्बुलेंस और तीसरे को मकान देने का लालच दिया। प्रॉपर्टी डीलर को एनेस्थीस
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इस हत्याकांड के बाद पुलिस उलझ कर रह जाए, इसलिए हत्या के आरोपी ने अपहरण की कॉल कराई। ये कॉल कौन व्यक्ति करेगा, उसकी रौबदार आवाज जांचने के लिए हत्या के आरोपी ने बाकायदा कइयों का ऑडिशन लिया। इस हत्याकांड में कुल 4 आरोपी गिरफ्तार हैं, जो जेल भेज दिए गए हैं।
राकेश वार्ष्णेय प्रॉपर्टी डीलर थे। वे 20 फरवरी को लापता हो गए थे।
पावर ऑफ अटॉर्नी कराकर नीयत में आई खोट
गाजियाबाद में इंदिरापुरम थाना क्षेत्र के नीतिखंड निवासी राकेश वार्ष्णेय और दिल्ली के भजनपुरा निवासी राजू उपाध्याय पिछले छह साल से प्रॉपर्टी डीलर का काम एकसाथ करते थे। राकेश की मुरादाबाद में एक प्रॉपर्टी थी, जिसकी कीमत करीब 20-22 करोड़ रुपए थी। राकेश ने इसे बिकवाने के लिए राजू से कहा। राजू ने नवंबर-2023 में इसकी पावर ऑफ अटॉर्नी अपने नाम करा ली। इसके बाद राजू के नीयत में खोट आ गई। उसने सोचा कि अगर राकेश न रहे तो ये सारी प्रॉपर्टी उसी के नाम हो जाएगी।
शराब में जहर मिलाया, एनेस्थीसिया के 6 इंजेक्शन दिए
20 फरवरी को दिल्ली के दिलशाद गार्डन स्थित ऑफिस में राकेश को नीला थोथा (जहर) मिलाकर शराब पिलाई गई। फिर उन्हें एनेस्थीसिया के 6 इंजेक्शन लगाकर मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद लाश मुरादनगर गंगनहर में फेंककर उनकी क्रेटा कार शालीमार गार्डन इलाके में खड़ी कर दी गई। शालीमार गार्डन थाना पुलिस ने इस हत्याकांड में 6 जून को मुख्य आरोपी राजू उपाध्याय सहित अनुज गर्ग, कृष्ण अग्रवाल और हरीश शर्मा को गिरफ्तार किया। अगले दिन जेल भेज दिया है।
इस तस्वीर में सबसे दाएं सफेद शर्ट पहने शख्स राजू उपाध्याय है, जो इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड है।
हत्या के आरोपी ने पीड़ित फैमिली को दिखाई हमदर्दी
गाजियाबाद पुलिस के DCP (ट्रांस हिंडन) निमिष पाटील ने बताया कि मुख्य हत्या के आरोपी राजू उपाध्याय ने राकेश वार्ष्णेय के लापता होने के बाद उनके परिवार के साथ हमदर्दी दिखाने की कोशिश की। राकेश की गुमशुदगी दर्ज कराने पीड़ित परिवार के साथ थाने पर आया। कई बार पुलिस अधिकारियों से भी मिला। उसने ये जरा भी एहसास नहीं होने दिया कि वो इस केस में मुख्य आरोपी है।
पुलिस का ध्यान भटके, इसलिए अपहरण की कॉल कराई
पुलिस जब कई दिन तक राकेश का पता नहीं लगा पाई तो राजू ने फिर दूसरी तरफ ध्यान भटकाने की कोशिश की। राजू ने राकेश की फैमिली को उसके अपहरण हो जाने और जान से मारने की धमकी देने की कॉल कराई। इस कॉल के लिए मुंबई से सिम मंगाया और दिल्ली की गफ्फार मार्केट से पुराना सादा मोबाइल खरीदा। राजू ऐसे व्यक्ति से कॉल कराना चाहता था, जिसकी आवाज रौबदार हो। उसने तीन-चार लोगों का ऑडिशन लिया। फिर उसमें से एक व्यक्ति को सिलेक्ट किया। उससे कॉल करवाई। इसके बदले राजू ने उसे शराब गिफ्ट की।
पुलिस ने जब इस हत्याकांड का खुलासा किया तो मृतक की पत्नी ने हत्या के आरोपी राजू उपाध्याय को कई चप्पलें मारी।
प्रॉपर्टी डीलर के दुश्मनों पर किया कोर्ट केस
इतना ही नहीं, हत्या के आरोपी राजू उपाध्याय ने राकेश की फैमिली की तरफ से कोर्ट में 156/3 का केस डलवा दिया। इसमें उन लोगों को आरोपी बनाया गया, जिनकी राकेश से दुश्मनी थी। राजू चाहता था कि पुलिस का ध्यान इस केस से पूरी तरह भटक जाए। लेकिन, जब पुलिस को कोई क्लू नहीं मिले तो पुलिस के शक की सुई राजू पर गई। पुलिस ने जब राजू के मोबाइल की कॉल डिटेल रिपोर्ट निकाली तो राकेश और राजू की लोकेशन सेम पॉइंट पर मैच होती चली गई।
मर्डर के बदले रुपए, एम्बुलेंस, मकान का दिया लालच
DCP ने बताया कि राजू उपाध्याय ने एनेस्थीसिया के लिए दिल्ली के एक नर्सिंग होम में नर्सिंग स्टाफ हरीश से संपर्क किया। छह डोज के बदले उसको 10 हजार रुपए दिए गए। इस हत्याकांड में एक आरोपी कृष्ण अग्रवाल है। इसको काम हो जाने के बाद नई एम्बुलेंस गिफ्ट देने का झांसा राजू ने दिया था। अनुज गर्ग को नया मकान देने की बात कही थी।
DCP ने बताया कि मुरादनगर गंगनहर में फेंकी गई लाश फरवरी में ही बुलंदशहर में पुलिस को मिल गई। पुलिस ने वहां लावारिस में शव का अंतिम संस्कार कर दिया। मृतक के परिजनों ने कपड़े और अन्य वस्तुओं से शव की अब पहचान की है। हालांकि शव का DNA परीक्षण कराया जाएगा।
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