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संस्कृत भारती राजस्थान के 15 दिवसीय क्षेत्र प्रशिक्षण वर्ग शिविर का सम्पूर्ति समारोह आयोजित किया गया।
संस्कृत भारती राजस्थान द्वारा सांगानेर आदर्श विद्या मंदिर में चल रहे 15 दिवसीय क्षेत्र प्रशिक्षण वर्ग शिविर का सम्पूर्ति समारोह आयोजित हुआ। वर्ग संयोजक डॉ. रघुवीर प्रसाद शर्मा ने बताया कि समारोह के मुख्य अतिथि स्वामी हवामहल विधायक बालमुकुन्दाचार्य वि
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अध्यक्षता तुलसीदास शर्मा अध्यक्ष संस्कृत भारती जोधपुर प्रान्त ने की। वर्गाधिकारी डॉ. कानाराम जाट ने शिविर का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया बताया 15 दिवसीय शिविर में आयोजित विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। अतिथियों द्वारा शिविर में लगाई गयी संस्कृत वस्तु प्रदर्शनी का अवलोकन किया। शिविर में छात्रों द्वारा संस्कृत नाटक रत्नाकर वाल्मीकि का मंचन किया गया।
मुख्य वक्ता अखिल भारतीय संगठन मंत्री संस्कृत भारती दिनेश कामत ने सम्बोधित करते हुये कहा कि संस्कृत किसी जाति विशेष की भाषा नहीं, अपितु समस्त मानव समाज के संस्कारों की पोषण करने वाली भाषा है। उन्होंने कहा कि संस्कृत भारती संगठन ने पूरे विश्व भर में संस्कृत भाषा की सरल रीति से लाखों की संख्या में संभाषण शिविरों का आयोजन किया है जिससे लगभग 94 लाख लोगों ने संस्कृत में बोलना सीखा है। उन्होंने आग्रह किया कि यदि भारत देश का प्रत्येक नागरिक अपनी भावी पीढ़ियों के संस्कारों की जड़ों को मज़बूज करना चाहते हैं तो निश्चितरूप से संस्कृत भाषा को जीवन में अपनाना चाहिए।
संस्कृत भाषा का प्रत्येक अक्षर वैज्ञानिक परिमाणों के आधार प्रतिस्थापित है। संस्कृत का प्रत्येक वर्ण परमाणु तत्वों के समान शक्ति का संग्रह करता है। संस्कृत भाषा को प्रतियोगिता परीक्षा में अनिवार्य रूप से शामिल करने की पुरजोर तरिके से मांग की।
मुख्य अतिथि हवामहल विधायक स्वामी बालमुकुंदाचार्य ने सम्बोधित करते हुये कहा की सम्पूर्ण देश जगत में भाषाओं की जननी संस्कृत वेद विज्ञान की भाषा है, हमें संस्कृत भाषा को बढ़ाना होगा। प्रतियोगिता परीक्षा में संस्कृत भाषा को अनिवार्य रूप से शामिल करवाने हेतु आश्वासन दिया और मुख्यमंत्री से मिलकर इसकी मांग करेंगे। भारत की प्राचीन देववानी को बचाने के लिए हम सभी को प्रयास करना होगा। सभी विद्यालयों में पंचांग का वाचन शुरू करवाने हेतु मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से निवेदन किया है। प्रतियोगिता परीक्षाओ संस्कृत को अनिवार्य रूप से शामिल करवाए जाने हेतु मुख्यमंत्री से जल्द मुलाकात कर इसे लागू करायेंगे।
इस अवसर पर भारती भवन प्रमुख सुदामा शर्मा, प्रो. वाईएस रमेश, विभागाध्यक्ष शिक्षा शास्त्र केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय जयपुर, उत्तर पश्चिम क्षेत्र संगठन मंत्री कमल शर्मा, राजस्थान क्षेत्र संयोजक तगसिंह राजपुरोहित, अखिल भारतीय पत्राचार प्रमुख हुलास चंद्र, डॉ. नाथूलाल सुमन अध्यक्ष संस्कृत भारती, न्यास चंद्र शेखर शर्मा प्रान्त मंत्री जयपुर प्रान्त, लीलाधर शर्मा जोधपुर प्रान्त मंत्री प्रान्त प्रशिक्षण प्रमुख डॉ घनश्याम हरदेनिया, हजारीलाल बैरवा श्रीराम बैरवा कैलाश चंद्र बैरवा प्रमुख शिक्षक मिठालाल माली चितोड़ प्रान्त मंत्री डॉ. मधुसूदन शर्मा, डॉ. कमल चोटिया, योगेन्द्र शर्मा, डॉ. शिवचरण शर्मा सहित सैकड़ों संस्कृत अनुरागी उपस्थित थे। शिविर में 100 प्रशिक्षणार्थीओ ने भाग लिया।
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