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पत्रकारों से वार्ता करते सपा प्रत्याशी बिजेंद्र सिंह
– फोटो : संवाद
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लोकसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे बिजेंद्र सिंह ने कहा कि वह चुनाव नहीं हारे, बल्कि किस्मत और न्याय की हार हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि पीएमओ और बड़े नेताओं के दबाव में जिले के अधिकारी थे।
6 जून को उन्होंने पत्रकारों से कहा कि लोकसभा चुनाव जनता, मतदाता नहीं हारे, बल्कि यहां उनकी किस्मत और न्याय को मात मिली है। बेईमानी की गई है। वह साक्ष्य जुटाने में जुट रहे हैं और हाईकोर्ट में जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि मतगणना में अधिकारियों पर बहुत बड़े-बड़े दबाव आए। अधिकारी पीएमओ और बड़े नेताओं के दबाव में वह थे। मतगणना चल रही थी बीच में एक मंत्री आए। उनसे जिले के बड़े अधिकारी मिले हैं।
उन्होंने कहा कि 11 मशीनें खुली नहीं। एक मशीन में हिंदू बहुल क्षेत्र के मतदाताओं के मत हैं, जबकि 10 मशीनों में मुस्लिम बहुल क्षेत्र के मतदाताओं के मत हैं। इनमें 9000 वोट उनका है। उन्हें 15647 मतों से हार मिली है। अगर 9000 मतों को जोड़ दिया जाए तो मतों का अंतर 6647 रह जाएगा और शहर विधानसभा क्षेत्र के 23 से 30 चक्रों की मतगणना दोबारा करा दी जाए, तो सभी सच्चाई सामने आ जाएगी।
कोर्ट में दोबारा मतगणना की मांग करेंगे, उसका खर्चा उन्हें देना पड़ेगा। खर्च के बारे में सही जानकारी नहीं है, फिर भी 25-30 लाख रुपये तो आता ही होगा। उन्होंने कहा कि पांच लाख से ज्यादा मतदाताओं ने अपना समर्थन दिया, उसके लिए उनका आभार जताते हैं और उनका यह कर्ज मरते दम नहीं चुका सकते।
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