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पर्यावरण संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बुधवार को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। जिस प्रकार मौजूदा समय में प्रकृति का स्तर गिरता जा रहा है, आने वाला समय काफी खतरनाक हो सकता है। गर्मी का स्तर इतना बढ़ गया है, कि लोगों को साफ और सुरक्षित हवा नहीं
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वह बिना किसी अनुदान के अब तक बाइस हज़ार से ज्यादा पौधे लगाकर संरक्षित कर चुकी हैं। ट्रीमैन ऑफ इंडिया के नाम से मशहूर पर्यावरणविद् विष्णु लाम्बा को अपना आदर्श मानती है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम प्रमुख एरिक सोलहेम भी वीडियो संदेश के जरिए बधाई दे चुके हैं। नेपाल के वन मंत्री ने संपूर्ण देश में निशुल्क पौधे उपलब्ध करवाने का ऐलान किया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी उमा के ग्रीन लंग्स अभियान से जुड़े है। राजस्थान के अनेक मंत्रियों और अधिकारियों ने उमा को उपलब्धियों पर दी बधाई दी है।
सामाजिक कार्यकर्ता उमा व्यास एक सामान्य किसान परिवार से संबंध रखती हैं। उमा के संघर्ष और साहस का ही परिणाम था कि कठिन परिश्रम करके वे सरकारी अध्यापिका बनी और श्रेष्ठ सेवाएं दी। वो यही नहीं रुकी और कठोर परिश्रम करके राजस्थान पुलिस में उप निरीक्षक के तोर पर चयन हुई। उमा सहित तीन बहने पुलिस में है। सामाजिक सरोकारों से गहरा लगाव रखने वाली उमा व्यास ने अध्यापिका रहते हुए सोशल मीडिया पर श्री कल्पतरु संस्थान के कार्यों को देखा और इतनी प्रभावित हुई की संस्थान की सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में सेवाएं देना शुरू किया।
वे आज संस्थान के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी सेवाएं दे रही है। बागमती नदी संरक्षण की बात हो या फिर कार्बन क्रेडिट को लेकर जन जागरूकता का अभियान हो । उन्होंने श्री कल्पतरु संस्थान के वालंटियर के रूप में इंडो नेपाल ग्रीन मिशन के तहत काठमांडू पहुंचकर भारत का नेतृत्व किया और वहां के केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से शिष्टाचार भेंट के दौरान जल, जंगल, जानवर और जमीन के संरक्षण को लेकर चर्चा की । उमा के सार्थक प्रयासों को देखते हुए केंद्रीय वन मंत्री ने संपूर्ण देश में संस्थान को लगाने हेतु निशुल्क पौधे उपलब्ध करवाने और सभी प्रकार से सहयोग करने के लिए आश्वस्त भी किया।
उमा की लगन और सक्रियता को देखते हुए उन्हें संस्थान के ग्रीन लंगस अभियान का ब्रांड एंबेसडर और कोऑर्डिनेटर भी बनाया गया है । जिसके तहत भारत की पांच हज़ार साल पुरानी पौधरोपण की तकनीक द्वारा बड़े-बड़े जंगल लगाए जा रहे हैं । उमा समय समय पर पहुंचकर इनका निरीक्षण करती है और संस्थान को जमीनी स्तर की जानकारी प्रदान करती है। उनके नेतृत्व में अब तक बाइस हज़ार से अधिक पौधे लगाकर संरक्षित किया जा चुके हैं । हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी उमा व्यास के समर्थन में आगे आए हैं। उमा कल्पतरु नाम से इतनी प्रभावित हुई कि उन्होंने राजस्थान के प्रसिद्ध मांगलियावास और बिलाड़ा पहुंचकर ऐतिहासिक कल्प वृक्षों पर शोध शुरू कर दिया और श्री कल्पतरु संस्थान द्वारा संचालित कल्पतरु नर्सरी से पौधे तैयार करवाकर निशुल्क वितरित करने का अभियान चलाया है । जिसके तहत देश भर में लाखों पौधे निशुल्क लगाएं और वितरण किये जा रहे हैं।
उमा ने बताया- बचपन में नानी के द्वारा किए जाने वाले सेवा कार्यों को देखकर वह बहुत प्रेरित होती थी और अब उन्हे नानी मां के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए श्री कल्पतरु संस्थान के माध्यम से एक मंच मिला है। नानी से प्रेरणा लेकर सेवा कार्यों से जुड़ने और वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक क्षेत्र में पहचान बनाने वाली उमा व्यास प्रसिद्ध पर्यावरणविद् विष्णु लाम्बा को अपना आदर्श मानती है।
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