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<p style="text-align: justify;">मक्का के सबसे गर्म महीने में ही इस बार हज यात्रा भी आयोजित हो रही है और ऐसे में लाखों हज यात्रियों को लू लगने का खतरा है. सबसे अधिक खतरा बुजुर्ग हजयात्रियों और पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों को है.</p>
<p style="text-align: justify;">इस महीने लाखों मुसलमान हज यात्रा करने वाले हैं, लेकिन मक्का में भीषण गर्मी के कारण हजयात्रियों में गर्मी से संबंधित बीमारियों के बढ़ने की आशंका बढ़ गई है. निया भर से 20 लाख से अधिक मुसलमान हज के लिए यहां आते हैं. इस साल वार्षिक हजयात्रा 14 जून से 19 जून के बीच छह दिनों तक चलने की उम्मीद है.</p>
<p style="text-align: justify;">मक्का में इस दौरान तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के पार जा सकता है. इसकी वजह से हजयात्रियों, विशेष रूप से वृद्धों और विभिन्न बीमारियों से पहले से ही पीड़ित लोगों के स्वास्थ्य को खतरा पैदा हो सकता है. पिछले साल हज यात्रा के दौरान 2,000 से अधिक हजयात्रियों पर गर्मी का असर पड़ा था. औद्योगिक काल से पहले की तुलना में वैश्विक तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने से हाजियों को लू लगने का जोखिम पांच गुना बढ़ गया था.</p>
<p style="text-align: justify;">सऊदी अरब सरकार तीर्थयात्रियों की सुविधा और भीषण गर्मी से राहत के लिए अत्यधिक गर्मी को कम करने के मकसद से क्लाउड सीडिंग जैसी उन्नत वर्षा वृद्धि तकनीकों का उपयोग करने की नई रणनीतियों पर विचार कर रही है. गर्मी के प्रभावों को कम करने के लिए अन्य कदमों में मुफ्त पानी, मिस्टिंग स्टेशन (तापमान को कम करने की व्यवस्था जो खुले स्थानों को ठंडा रखती है) और अच्छी स्वास्थ्य सेवा सुविधाएं प्रदान करना शामिल है. यह अभियान तीर्थयात्रियों को हल्के कपड़े पहनने, पर्याप्त मात्रा में पानी पीने और दिन के समय की गतिविधियों को सीमित करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे.</p>
<p style="text-align: justify;">हज यात्रा उन सभी वयस्क मुसलमानों के लिए अनिवार्य होती है जो आर्थिक और शारीरिक रूप से कम से कम एक बार हज करने में सक्षम हैं. यह इस्लाम का पांचवां स्तंभ है और इस्लामी आस्था और एकता की सबसे महत्वपूर्ण अभिव्यक्ति है. यह अपनी तरह की सबसे बड़ी तीर्थयात्रा है जिसमें लोग एक छोटे और भौगोलिक रूप से सीमित क्षेत्र में बेहद गर्म और शुष्क मौसम में इकट्ठा होते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">हज के लिए पवित्र स्थल पर आने वाले वृद्ध हजयात्रियों और मधुमेह एवं हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों को गर्मी से संबंधित बीमारियां होने का जोखिम अधिक होता है. इसके अतिरिक्त वे भारी सामान भी उठाते हैं, दोपहर में बाहर जाते हैं और दिन में कई बार मस्जिद अल-हरम जाते हैं, जिससे उन्हें मक्का की गर्मी और उमस से उत्पन्न होने वाले स्वास्थ्य संबंधी खतरों का सामना करना पड़ सकता है.</p>
<p style="text-align: justify;">अत्यधिक गर्मी के संपर्क में आने से कई तरह की बीमारियां होती हैं. सऊदी हजयात्रियों के बीच किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि 18.4 प्रतिशत लोगों में पुरानी स्वास्थ्य समस्याएं हैं. इनमें मधुमेह सबसे अधिक (55.7 प्रतिशत), उसके बाद उच्च रक्तचाप (60.7 प्रतिशत), हृदय रोग (7.5 प्रतिशत) और दमा (11.5 प्रतिशत) थे.</p>
<p style="text-align: justify;">तीर्थयात्री विविध पृष्ठभूमि और अलग-अलग देशों से आते हैं. कुछ तीर्थयात्री गर्म उष्णकटिबंधीय देशों से आते हैं और गर्म मौसम में बेहतर ढंग से समायोजित हो सकते हैं, जबकि ठंडी जलवायु वाले देशों के तीर्थयात्री मक्का की अत्यधिक गर्मी को सहन नहीं कर पाते. पहले मक्का की यात्रा कर चुके हजयात्री अपने पूर्व ज्ञान और अनुभव के आधार पर गर्मी से संबंधित जोखिमों का बेहतर प्रबंधन करने में सक्षम होते हैं</p>
<p style="text-align: justify;">मलेशिया, इंडोनेशिया और पाकिस्तान में दुनिया भर के हज अधिकारियों और स्वास्थ्य अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों को लू की रोकथाम के बारे में शिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. जागरूकता और निवारक उपायों को लागू करने से सभी के लिए एक सुरक्षित और सुखद हजयात्रा सुनिश्चित की जा सकती है.</p>
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