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सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने प्री-प्राइमरी और प्राइमरी कक्षाओं में रीजनल लैंग्वेज पढ़ाने का निर्देश दिया है। इसके अनुसार विद्यालयों में बच्चों की शुरुआती शिक्षा मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में होगी। इसके लिए सीबीएसई की ओर से किताबें भी तैयार की जा रही हैं। इसे तीन से आठ साल की उम्र के बच्चों के लिए बनाया जा रहा है। इन किताबों को लैंग्वेज प्राइमर नाम दिया गया है।
नेशनल काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ लैंग्वेजेस (आईआईएल) की ओर से बच्चों के लिए देश की 52 भाषाओं में कोर्स मेटेरियल तैयार किया जा रहा है। इससे बच्चों की नींव मजबूत होगी। जानकारी के अनुसार नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) 2020 और नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के अनुसार विद्यालयों में मातृभाषा में पढ़ाई होनी चाहिए। इसलिए नए सत्र से इस तरीके से पढ़ाई शुरू होगी। मिली जानकारी के अनुसार बोडो, गारो, खंदेशी, किन्नौरी, कुकी, मणिपुरी, नेपाली, शेरपा और तुलु भाषा की किताबें तैयार हो चुकी हैं। इनमें भाषाओं के अल्फाबेट और नंबर दिए गए हैं। साथ ही भाषा को समझने के लिए शब्दों का उच्चारण, शब्दार्थ, चिन्हों की पहचान आदि शामिल हैं।
रांची | सीबीएसई 10वीं बोर्ड के स्टूडेंट्स उत्तर पुस्तिका की मूल्यांकित प्रति प्राप्त करने के लिए चार से पांच जून तक आवेदन कर सकेंगे। प्रति उत्तर पुस्तिका के लिए 500 रुपए शुल्क देने होंगे। वहीं री-इवैल्यूएशन के लिए 9 से 10 जून तक आवेदन कर सकेंगे। प्रति सवाल 100 रुपए देने होंगे। 12वीं के स्टूडेंट्स री-इवैल्यूएशन के लिए 6 से 7 जून तक आवेदन कर सकेंगे। प्रति प्रश्न 100 रुपए शुल्क देना होगा। इसमें ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकेंगे। वहीं ज्यादा जानकारी सीबीएसई के वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं।
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