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नगर निगम में पांच फर्मों के फर्जी बिल और करोड़ों के भुगतान मामले में अब एमआईसी सदस्य राजेंद्र राठौर ने मोर्चा खोल दिया है। बीते दिनों सामने आए फर्जी बिल घोटाले में पिछली परिषद और अधिकारियों को आड़े हाथ लेते हुए आरोप लगाया कि जिन फर्मों को करोड़ों का
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मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में गंभीरता से जांच कर प्रकरण में संलिप्त, दोषी पाए जाने वाले अधिकारी, ठेकेदारों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
- 2012 में हुई गड़बड़ी का भी जिक्र किया
जांच एजेंसी नहीं करती प्रभावी कार्यवाही
पत्र में यह भी कहा है कि पुलिस विभाग के अलावा प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने 16 मई से जांच शुरू की। शासन की जांच एजेंसियों द्वारा भी ऐसे प्रकरणों में प्रभावी कार्यवाही नहीं की जाती है। नगर निगम जांच कमेटियों की भूमिका भी संदिग्ध रहती है। लोकायुक्त पुलिस द्वारा अधिकारियों के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति के प्रकरण विभागों द्वारा अनावश्यक रूप से लंबित रखे जाते हैं, जिसके कारण दोषी अधिकारियों को बचने के अवसर मिलते हैं। यहीं भ्रष्ट अधिकारी सेवानिवृत्ति के बाद भी संविदा पर सेवा रहकर भ्रष्टाचार में संलिप्त रहते हैं।
ट्रैफिक विभाग की गड़बड़ी का भी उल्लेख
वर्ष 2012 में यातायात विभाग में शहर की सड़कों/चौराहों पर लगने वाली सामग्री क्रय करने की प्रक्रिया के दौरान आर्थिक अनियमितता बरती गई थी, जिसमें ठेकेदार द्वारा सामग्री प्रदाय नहीं करने/सड़कों पर स्थापित नहीं करने पर भी भुगतान प्रस्तावित किया।
जिला कोर्ट से झटका लगा तो आरोपी जमानत के लिए हाई कोर्ट पहुंच गए
इधर निगम में अरबों रुपए की ड्रेनेज और सड़क कागजों पर बनाने का घोटाला करने वाले अब जेल से बाहर निकलने के लिए हाथ-पैर मार रहे हैं। किसी के खिलाफ एक तो किसी पर छह-छह एफआईआर दर्ज हो चुकी है। फिर भी अपराध स्वीकार नहीं कर रहे हैं। सभी दूसरों पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। किसी की अर्जी जिला कोर्ट तो किसी की हाई कोर्ट में लंबित है।
घोटाले के मुख्य आरोपी कॉन्ट्रेक्टर मुरलीधर ने पहले जिला कोर्ट में याचिका दायर की थी जो खारिज हो गई। अब हाई कोर्ट में दायर की है। उदयसिंह भदौरिया भी जिला कोर्ट से झटका लगने के बाद अब हाई कोर्ट से राहत पाने के लिए प्रयास कर रहा है। घोटाले का मास्टर माइंड अभय राठौर ने भी हाई कोर्ट का रुख किया है। आरोपी ठेकेदार मो. सिद्दीकी ने भी जिला कोर्ट ने जमानत नहीं मिली तो हाई कोर्ट में अपील की।
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