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मध्यप्रदेश में मानसून की एंट्री 15 से 20 जून के बीच होगी। IMD, भोपाल के सीनियर वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह के मुताबिक- प्रदेश के दक्षिणी हिस्से- छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी-बालाघाट से मानसून एंटर होगा। फिर आगे बढ़ेगा। ऐसे में 20 जून तक भोपाल, 22 जून त
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प्रदेश में इस बार मानसून जमकर बरसेगा। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने जून से सितंबर यानी चार महीने तक प्रदेश में 104 से 106% तक बारिश होने का अनुमान जताया है। यह सामान्य से अधिक 4 से 6 फीसदी ज्यादा है। प्रदेश की औसत बारिश एवरेज 37.3 इंच है। साल 2023 में प्रदेश में 100% बारिश हुई थी। इंदौर, उज्जैन समेत आधे एमपी में सामान्य से अधिक पानी गिरा था। इस बार भी इससे ज्यादा आंकड़ा रहने की उम्मीद है।
केरल में एक दिन पहले एंट्री, इसलिए समय पर आने की उम्मीद
इस बार मानसून ने केरल में समय से एक दिन पहले ही दस्तक दे दी। इसके चलते मध्यप्रदेश में भी समय पर आने की उम्मीदें बंध गई है। प्रदेश में सामान्य तौर पर 15 जून तक मानसून आ जाता है। सीनियर वैज्ञानिक डॉ. सिंह ने बताया, यदि बीच में मानसून की रफ्तार कम भी होती है तो 20 जून तक हर हाल में मानसून प्रदेश में एंटर हो जाएगा।
कब-कहां एंट्री, जानिए…
- प्रदेश के दक्षिण हिस्से यानी, डिंडोरी, मंडला, बालाघाट, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, अनूपपुर से मानसून की एंट्री होने की पूरी संभावना है। 15 से 20 जून तक यह आ सकता है।
- बैतूल, नर्मदापुरम, बुरहानपुर, खंडवा, हरदा में भी इसी समय पर मानसून आने की उम्मीद है।
- 18 से 20 के बीच जबलपुर, नर्मदापुरम, भोपाल में मानसून दस्तक दे सकता है।
- 20 से 22 के बीच इंदौर, सीहोर, विदिशा, शहडोल, सागर, देवास की तरफ मानसून के आने का अनुमान है।
- 22 से 24 जून के बीच रतलाम, मंदसौर, नीमच, उज्जैन, शाजापुर, राजगढ़, आगर-मालवा, टीकमगढ़, छतरपुर, सतना में आ सकता है।
- अगले 2 दिन यानी, 26 जून तक प्रदेश के 70% से अधिक इलाकों में मानसून एक्टिव हो सकता है।
- इसके बाद ग्वालियर-चंबल संभाग में एंट्री की संभावना है। यह प्रदेश का उत्तरी हिस्सा है।
इन जिलों में इतनी बारिश का अनुमान
आईएमडी की रिपोर्ट के अनुसार पूर्वी मध्यप्रदेश के 4 संभाग- सागर, रीवा, जबलपुर और शहडोल में सामान्य से कम 98 से 99% बारिश होने का अनुमान है। वहीं, पश्चिमी मध्यप्रदेश के 6 संभाग- भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और चंबल में 101 से 102% या इससे अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान है। डॉ. सिंह ने बताया कि मानसून को लेकर मौजूदा परिस्थितियां काफी बेहतर है।
इसलिए अच्छी बारिश के संकेत
मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में भू-मध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र पर अल नीनो की मध्यम (moderate) स्थिति बनी हुई है। नवीनतम मानसून मिशन क्लाइमेट फोरकास्टिंग सिस्टम (MMCFS) के साथ अन्य जलवायु मॉडल पूर्वानुमान से संकेत मिलता है कि मानसून के शुरुआती भाग के दौरान अल नीनो की स्थिति और कमजोर होकर तटस्थ अल नीनो-साउदर्न ऑशिलेशन (ENSO) स्थितियों में परिवर्तित होने की संभावना है। इसके बाद मानसून के दूसरे भाग में ला नीना स्थितियां डेवलप होने की संभावना है।
…तो लगातार छठे साल सामान्य से ज्यादा बारिश
इस बार भी मानसून अगर अनुमान के मुताबिक रहा, तो लगातार छठे साल ऐसा होगा, जब सामान्य या इससे ज्यादा बारिश होगी। 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें, तो 2019 में सबसे ज्यादा 53 इंच बारिश हुई थी। इसके बाद से ही प्रदेश में सामान्य या इससे अधिक बारिश हो रही है।
प्रदेश में 949 एमएम एवरेज बारिश
मध्यप्रदेश की सामान्य बारिश 949mm यानी, 37.3 इंच है। मानसूनी सीजन के दौरान (जून से सितंबर के बीच) इतनी बारिश होती है। पिछले साल की बात करें, तो प्रदेश में एवरेज 37.22 इंच बारिश हुई थी, जो सामान्य के बराबर ही थी। भोपाल समेत कई जिलों में तो सामान्य से अधिक बारिश हुई थी। इस कारण बाढ़ के हालात भी बन गए थे।
पिछले साल यहां हुई थी ज्यादा बारिश
इंदौर, झाबुआ, खंडवा, खरगोन, उज्जैन, आलीराजपुर, बड़वानी, बैतूल, भिंड, बुरहानपुर, देवास, धार, हरदा, अनूपपुर, छिंदवाड़ा, डिंडोरी, कटनी, नरसिंहपुर, निवाड़ी, सिवनी और टीकमगढ़।
इन जिलों में कम बारिश
भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, बालाघाट, छतरपुर, दमोह, मंडला, पन्ना, रीवा, सागर, सतना, शहडोल, सीधी, सिंगरौली, उमरिया, आगर-मालवा, अशोकनगर, दतिया, गुना, मंदसौर, मुरैना, नर्मदापुरम, नीमच, राजगढ़, सीहोर, शाजापुर, शिवपुरी।
एमपी में सूखे के हालात नहीं
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रदेश में कहीं भी सूखे जैसे हालात नहीं बनेंगे। प्रदेश के सभी हिस्सों में अच्छी बारिश होगी। साल 2022 में भोपाल में करीब 75 इंच बारिश हुई थी। प्रदेश में भोपाल सबसे ज्यादा बारिश वाला जिला था। इसके अलावा, कई जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई थी। 2023 में भी ऐसी ही स्थिति बनी थी।
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