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विभिन्न राज्यो में स्थित 22 आदर्श संस्कृत महाविद्यालयों एवं 4 शोध संस्थानों को शिक्षा मंत्रालय के निर्देशानुसार उच्चस्तरीय मानकता एवं गुणवत्ता प्रदान करने हेतु उन्नयन (ग्रेडेशन) कार्य का प्रथम चरण सफलतापूर्वक सम्पन्न कर लिया है।
केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के आन्तरिक गुणवत्ता प्रत्यायन प्रकोष्ठ (IQAC) ने भारत के विभिन्न राज्यो में स्थित 22 आदर्श संस्कृत महाविद्यालयों एवं 4 शोध संस्थानों को शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशानुसार उच्चस्तरीय मानकता एवं गुणव
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प्रथम चरण के अन्तर्गत केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेडी के आदेशानुसार एक समिति का गठन किया गया। यह समिति जयपुर परिसर के ज्योतिषविभागाध्यक्ष व आईक्यूएसी के निदेशक प्रो. ईश्वर भट्ट के निर्देशन व जयपुर परिसर के निदेशक प्रो. सुदेश कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में कार्य कर रही है। समिति के अन्तर्गत विशेषज्ञ के रूप में प्रो. एसवी. रमणमूर्ति, वेदव्यास परिसर के ज्योतिष विभाग के सहायकाचार्य डॉ. मनोज श्रीमाल, श्रृंगेरी परिसर के कम्प्यूटर विभाग के प्राध्यापक डॉ. रवीश एन., जयपुर परिसर के डॉ. विनोद शर्मा और डॉ. प्रमोद कुमार बुटोलिया हैं।
सर्वप्रथम समिति ने एसएसआर तैयार कर सम्बन्धित महाविद्यालयों व शोध संस्थानों से प्रतिपुष्टि पत्र (फीडबैक) प्राप्त किया। तत्पश्चात् समिति के द्वारा केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेडी की सम्मति के उपरान्त सम्बन्धित संस्थानों को सफलतापूर्वक एसएसआर प्रेषित कर दिया गया। सम्बन्धित संस्थान यह एसएसआर पूर्णरूप से भर कर 01 माह के अन्तराल में समिति को प्रेषित करेंगे तथा तत्पश्चात् इन संस्थानों से प्राप्त एसएसआर मूल्याकंन व पीर टीम के निरीक्षण से प्राप्त अंक के आधार पर संस्थानों को ए, बी, सी, डी में से ग्रेड प्रदान की जायेगी।
विश्वविद्यालय की गुणवत्ता को बढ़ाने की दृष्टि से यह एक उत्तम प्रकल्प सिद्ध होगा। आंतरिक गुणवत्ता एवं प्रत्यायन प्रकोष्ठ का उद्देश्य केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय को विश्व के प्रमुख विश्वविद्यालयों की सूची में उच्चतर श्रेणी में लाना है।
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