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कनोह गांव में तप करते हुए मंहत ऋषिगिरी।
हरियाणा के हिसार में गांव कनोह के बाबा शंकर नाथ डेरा के मंहत ऋषिगिरी कनोह अखाडे में विश्व शांति, जनकल्याण, आपसी भाईचारे, जन मन मंगल करने की कामना के साथ धूना रमाए हुए हैं। तापमान जबकि 47 डिग्री पार चल रहा है, ऐसे में वे आग के गोलों के बीच बैठ कर अपनी
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मंहत ऋषिगिरी 43 दिनों तक साधना करेंगे। इस दौरान वे अपने आप को तपायेंगे। उनके तप को शनिवार को 21 दिन हो गए हैंं। वे पंच धूणों पर अपनी तपस्या कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह छोटी उम्र से ही जनकल्याण के लिए साधनारत हैं। ज्येष्ठ माह में जब सूरज जल रहा होता है और धरती तप रही होती है, तब लोगों के हृदय का ताप मिटाने के लिए 43 दिन की साधना में चले जाते हैं। साधना की शुरुआत 9 मई से हुई तब से प्रतिदिन दोपहर 11 से सवा 1 बजे तक तीन घंटे तक वे अपनी तपस्या करते हैं।
बाबा के तप के दौरान मंदिर में पहुंचे ग्रामीण।
आखरी दिन लगेगा विशाल भंडारा
तपस्या के आखिरी दिन 21 जून को तपोभूमि स्थल पर महाधूणी लगाई जाएगी। इसमें जन कल्याण विश्व कल्याण और विश्व शांति के लिए पूर्णाहूति दी जाएगी। इसके साथ ही विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। भंडारे में प्रदेश भर से हजारों लोग भाग लेगें।
कनोह गांव के सरपंच सुरेंद्र उर्फ काला ने बताया कि इस भीषण गर्मी के बीच महंत ऋषिगिरी द्वारा तपस्या करना बहुत ही विस्मय पूर्ण है। कोई सिद्ध महात्मा ही ऐसी तपस्या कर सकता हैं। सरपंच काला ने बताया कि गांव कनोह के ग्रामीण महंत जी की तपस्या में पूरा सहयोग कर रहें हैं।
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