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RGH में करोड़ों रुपयों के दवा घोटाले में आरोपी तुषार झंवर को राहत नहीं मिली है। आज हाइकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने जमानत देने से इंकार कर दिया है। साथ ही हाइकोर्ट ने की टिप्पणी, डॉक्टर और स्टॉकिस्ट की मिलीभगत के बिना इतना बड़ा घोटाला संभ
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जस्टिस फरजंद अली की एकलपीठ में आज सुनवाई हुई। जस्टिस ने कहा कि बिना डॉक्टर के मिली भगत के इतना बड़ा घोटाला संभव नहीं है इसलिए पूरे मामले की जांच एडीजी एसओजी किसी एडिश्नल एसपी के ऊपर की रैंक के अधिकारी से करवाएं। इस दौरान सरकार की ओर से एएजी अनिल जोशी ने पैरवी कर बताया की एसओजी में एसपी रैंक के अधिकारी नहीं है इसलिए मामले की जांच जयपुर के एडिश्नरल एसपी डिआईजी योगेश दाधीच के सुपरविजन में दी जाए इस पर हाईकोर्ट जस्टिस ने इसकी अनुमति दी। अब मामले की जांच एसओजी डिआईजी करेंगे।
यह था मामला
बता दें कि जालोरी गेट के भीतर दवाइयों के दुकानदार ने 77 लाख रुपए से अधिक की दवाइयों को कागजों में ही बेच दिया था। यह ऐसी दवाइयां थी, जो उसने खरीदी ही नहीं थी। इतना ही नहीं, आरोपी ने उन बैच की दवाइयां बेचना दर्शाया जो फार्मा कम्पनी ने दुकानदार को सप्लाई तक नहीं की थी। एफआइआर दर्ज होने के बाद आरजीएचएस के संयुक्त निदेशक ने 66 संदिग्ध दवाइयों की सूची सौंपी थी। आरोपी फार्मासिस्ट जुगल झंवर ने इन दवाओं के संबंध में वित्तीय वर्ष 2021-22, 2022,-23 व 2023-24 में खरीद के बिल पेश किए थे। बिलों के सत्यापन में लाखों का घोटाला सामने आया था।
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