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ज़िले के कुएं व बावड़ियों का सर्वे कर जनसहयोग से इनके जीर्णोद्धार कराया जाएगा। जिलेवासियों से अपने आसपास इस तरह की संरचनाओं और उनकी वर्तमान स्थिति की जानकारी साझा करने का आग्रह जिला प्रशासन द्वारा किया गया है। इसके लिए एक नियंत्रण कक्ष भी बनाया गया ह
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इसके बाद ज़िला प्रशासन के विभाग कार्य योजना बना कर जनसहयोग से इन बावडिय़ों कुएं की मरम्मत, पुनरुद्धार और जीर्णोद्धार की कार्रवाई करेगा। इसके साथ ही रूफ टॉप रेन हार्वेस्टिंग के लिए लोगों को जागरूक भी किया जाएगा।
इस काम में लोगों का जुड़ाव और भागीदारी के लिए समाजसेवी संस्थाओं, धार्मिक संगठनों, गैर सरकारी संस्थाओं और दान दाताओं की मदद भी ली जाएगी। संबंधित विभाग के इंजीनियरों की टीम ने बावडिय़ों कुओं का जायजा ले कर इस कार्य को अमली जामा पहनायेंगे।
गुणवत्ता भी सुधरेगी
कलेक्टर प्रियंक मिश्र ने बताया कि मौसम विभाग द्वारा इस साल अच्छे मानसून की संभावना का फोरकास्ट किया है। ऐसे में कुए, बावड़ी और परंपरागत जल स्रोत दुरुस्त कर पानी संरक्षित किए जाने से आने वाले दिनों में ना केवल जल आपूर्ति बनी रहेगी वरना भूजल के स्तर में सुधार के साथ ही पानी की गुणवत्ता भी सुधरेगी। इस वर्ष बीते वर्षो की तुलना में ग्रर्मी बहुत अधिक है। इसलिए हमें जल संरक्षण की दिशा में बहुत तेज गति से कार्य करने की आवश्यकता है।
हम हर वर्ष जल संरक्षण के कार्य किया जा रहा है। वो चाहे नरेगा से शहरी क्षेत्र में अमृत योजना से हो। इसमें तालाबों का निर्माण, पुराने तालाबों का जीर्णोधार, ऐसे नाले जिनकी सफाई करना आवश्यक है। इसके साथ ही हमारी जल संरचनाओं का सौंदर्यीकरण के काम भी किए जाते है।
हमें इसमें और अधिक कार्य करना है। इस वजह से सभी जिलेवासियों से आग्रह है कि अपने आस-पास ऐसी बावड़ी, तालाब हो या पोखर हो, जिसके जीर्णोधार की आवश्यकता है, जिससे उसे जीवंत कर उसकी जल क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। इसकी हम सूची तैयार करेंगे और उसके लिए कार्य करेगें। ऐसे स्थानों की आप हमें जानकारी दें।
आवश्यकता होने पर जानकारी दें
कलेक्टर मिश्रा ने जिलेवासियों से कहा कि वे ऐसे स्थानों की भी जानकारी दे सकते है जहां पर पानी को रोका जा सकता है, नया तालाब बनाया जा सकता है। किसी पूराने तालाब या स्टॉप डेम गेट या वाल टूट गया हो, या पीचिंग की आवश्यकता हो उनकी जानकारी दे सकते है।
जिले के ऐसी नदी जो भर गई हो जिसकी वजह से तालाबों तक पानी नहीं जा रहा हो। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में जो बावड़ियां जो समाप्त होने की कगार पर है या उनकी सफाई की आवश्यकता है, उसकी जानकारी दे सकते है। इसके लिए जो भी अपके मन में अभिनव पहल हो उसको भी सांझा करें।
जल संरक्षण के कार्य को सभी के सहयोग से पूरा किया जा सकता है। इसके लिए सभी सामाजिक संगठनों, व्यवसायिक उपक्रम से आग्रह है कि इस कार्य में अपना योगदान दे। आस पास के कुऐं या तालाब है जिसमें आप आगे बढ़कर कार्य करना चाहते है।
जिसमें प्रशासन से आपकी कोई अपेक्षा है, तो इस उसे दिए गए नंबरों पर अवगत कराएं। हम आपका इस अभियान में पूरा सहयोग करेंगे और धरती मां की जो प्यास है पानी की, उसको बुझाने की दिशा में एक बहुत बड़ा कार्य करेंगे।
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