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राजस्थान में मई भीषण गर्मी वाली रही। 9 दिन में 66 लोगों की मौत हो गई। मई 16 दिन लगातार हीटवेव का असर रहा। दो शहर फलोदी, चूरू में पारा 50 डिग्री सेल्सियस के आंकड़े को छू गया।
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पिलानी (झुंझुनूं) में इस गर्मी का नया रिकॉर्ड बना है, यहां अब तक का सर्वाधिक तापमान दर्ज हुआ। मई के महीने में चूरू में कभी इतना तापमान नहीं रहा, जितना इस सीजन दर्ज हुआ।
पूरे महीने की रिपोर्ट देखें तो चूरू में सर्वाधिक गर्म दिन, जबकि फलोदी में सबसे गर्म रात दर्ज हुई। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस साल मई में रिकॉर्ड गर्मी का कारण था किसी वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का एक्टिव न होना।
अब जून में इतनी तेज गर्मी नहीं रहेगी। जून के आखिरी तक राज्य में मानसून भी दस्तक दे सकता है।
20 शहरों में पारा 47 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंचा
राजस्थान में 33 शहरों में से 20 ऐसे शहर रहे, जहां मई में जबरदस्त गर्मी रही। इन शहरों में दिन का अधिकतम तापमान 47 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर दर्ज हुआ है। इसमें भीलवाड़ा, टोंक, अलवर, पिलानी, कोटा, चित्तौड़गढ़, धौलपुर, बारां, डूंगरपुर, फतेहपुर, करौली, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, फलोदी, बीकानेर, चूरू, गंगानगर, हनुमानगढ़ और जालोर शामिल हैं।
फोटो जालोर के सरकारी हॉस्पिटल का है। यहां गर्मी इतनी हुई कि डॉक्टरों के ओपीडी रूम में लगे कूलर को हटा कर मरीजों के वार्ड में शिफ्ट किया गया था।
66 लोगों की जान गई, सरकार 9 ही मान रही है
इस भीषण गर्मी ने इस बार मानव जीवन पर भी कहर बरपाया। मई के महीने में तेज गर्मी, हीट स्ट्रोक और हीटवेव के कारण 9 दिन में 66 लोगों की मौत हो गई। लेकिन स्वास्थ्य विभाग इन आंकड़ों को छिपाकर प्रदेश में केवल 9 ही मौत होने की बात कह रहा है। हेल्थ डिपार्टमेंट की रिपोर्ट में 31 मई तक राजस्थान में हीटवेव की चपेट में 4911 लोग आए हैं। ये संख्या 1 मार्च से 30 मई तक की है।
जयपुर में 15 दिन से पारा 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं आया
जयपुर की रात की बात करें तो यहां पिछले 15 दिन से तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं आया है। 16 मई के बाद से जयपुर में तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर है। जयपुर में 21 मई को रात का न्यूनतम तापमान 34.4 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं आया।
वहीं, दिन में भी इस बार जबरदस्त गर्मी रही। जयपुर में मई के महीने में सामान्य अधिकतम तापमान 41.1 डिग्री सेल्सियस रहता है। इस बार जयपुर में 20 दिन तापमान सामान्य से ऊपर दर्ज हुआ। सर्वाधिक तापमान 46.6 डिग्री सेल्सियस 28 मई को दर्ज हुआ, जो पिछले 10 साल का सर्वाधिक तापमान रिकॉर्ड हुआ।
सबसे ज्यादा हीटवेव-डे मई महीने में, फलोदी में 30 में से 17 दिन
राजस्थान में साल 2022 में मई के महीने में औसतन 15 दिन हीटवेव-डे के थे, जो हीटवेव डे का रिकॉर्ड था। इस साल ये रिकॉर्ड टूटने की संभावना है। इस सीजन में मई में हीटवेव का स्पैल 16 दिन लगातार चला है। जयपुर में 7 दिन हीटवेव-डे काउंट हुए हैं। इसमें तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज हुआ। इधर बाड़मेर में 15 दिन, बीकानेर में 13, चूरू में 14, गंगानगर में 16, जैसलमेर 15, जोधपुर में 11, कोटा में 13 और फलोदी में 17 दिन हीटवेव के काउंट हुए हैं।
जयपुर में गर्मी से बचने के लिए ऑटो ड्राइवर ने किया जुगाड़।
पिलानी-चूरू में गर्मी का रिकॉर्ड टूटा
मौसम केन्द्र जयपुर के अनुसार इस सीजन पिलानी और चूरू में तापमान का रिकॉर्ड टूटा है। पिलानी में सर्वाधिक तापमान का नया रिकॉर्ड बना है। 28 मई को पिलानी में तापमान 49 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो 2 मई 1999 को दर्ज हुए 48.6 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा था।
इसी तरह चूरू में 28 मई को तापमान 50.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, ये मई माह का चूरू का अब तक सर्वाधिक तापमान दर्ज हुआ है। चूरू में 1 जून 2019 को 50.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हुआ है, जो चूरू का ऑलटाइम हाई तापमान रहा था।
क्यों रही इस बार इतनी गर्मी
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया- राजस्थान में इस बार 10 मई के बाद से वेस्टर्न डिस्टर्बेंस नहीं आए। इस कारण न तो बारिश हुई और न ही आंधी चली। 15-16 मई से लगातार दो सप्ताह मौसम बिल्कुल शुष्क रहा। मई के आखिरी सप्ताह में एंटी साइक्लोन बनने और पूरी तरफ वेस्टर्न विंड पैटर्न होने से दिन में जबरदस्त हीटवेव चली और तापमान 50 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया।
सामान्य से 68 फीसदी कम हुई बारिश
मई के शुरुआती 10 दिन दो सिस्टम आने से कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हुई। मौसम विभाग के मुताबिक इस बार मई के महीने में पूरे राज्य में औसत से 68 फीसदी कम बारिश हुई है। राजस्थान में एक मई से 31 मई तक औसतन 13.6MM बारिश होती है, जबकि इस बार 4.3MM ही औसत बरसात हुई। धौलपुर, जैसलमेर ऐसे जिले रहे जहां 30 मई तक बारिश शून्य रही।
अब आगे क्या?
जयपुर मौसम केन्द्र के सीनियर साइंटिस्ट हिमांशु शर्मा ने बताया- जून के पहले सप्ताह में हीटवेव चलने की संभावना बिल्कुल नहीं है। हालांकि जून में एक या दो स्पैल हीटवेव के आते है, लेकिन फिलहाल पहले सप्ताह ऐसी कोई परिस्थिति नहीं दिख रही। वहीं, जून में मानसून आने का समय होता है। इसलिए संभावना है कि जून में अब मई जैसी तेज गर्मी रहे न रहे।
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आपदा प्रबंधन मंत्री किरोड़ीलाल मीणा का कहना है कि प्रदेश में हीटवेव से मरने वालों के लिए मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है। मीणा ने कहा- मैं इस मान्यता वाला हूं कि शीतलहर और हीटवेव भी प्राकृतिक आपदा है। (पूरी खबर पढ़ें)
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