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झारखंड के गढ़वा और लातेहार जिलों में बड़ी संख्या में चमगादड़ों की मौत हो रही है। इससे पहले गढ़वा, हजारीबाग और रांची में सैकड़ों चमगादड़ मारे गये थे। चमगादड़ क्यों मर रहे हैं ? इसकी अब तक पुख्ता जानकारी नहीं मिल सकी है। ताजा मामला लातेहार जिले का है ज
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मृत चमगादड़ों को देखने के लिए जुटी भी़ड़
शुक्रवार की सुबह लातेहार जिले के मनिका प्रखंड के कोइली गांव में स्थानीय लोगों ने एक पेड़ के नीचे जमीन पर बड़ी संख्या में मृत चमगादड़ों को देखा। यह बात जंगल में आग की तरह फैल गयी। इलाके में ग्रामीणों की भीड़ जुटने लगी। कुछ लोग मृत चमगादड़ों को हाथ लगाने लगे, कुछ यहां से उठाकर ले जाने लगे।
वन विभाग की अपील फैल सकती है महामारी मृत जानवरों के पास ना जाएं
लातेहार डीएफओ रोशन कुमार ने इसे काफी गंभीरता से लिया और तत्काल विभागीय कर्मियों को अलर्ट कर दिया। डीएफओ ने आम लोगों से भी अपील की कि वे किसी भी परिस्थिति में मृत चमगादड़ों को हाथ ना लगाएं, उनके पास ना जाए। मृत चमगादड़ों के संपर्क में आना खतरनाक हो सकता है।
क्यों हो रही है मौत
मृत चमगादड़ों के सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। इस जांच के बाद ही यह साफ हो पायेगा कि इनकी मौत कैसे हुई है। इनमें कोई संक्रमण का खतरा हो सकता है या भीषण गर्मी की वजह से भी इनकी मौत हो सकती है। अभी यह कहना मुश्किल है कि यह क्यों मर रहे हैं। इलाके के लोगों से डीएफओ रोशन कुमार ने अपील की है कि इस तरह की घटना जब भी दिखे वन विभाग को सूचित करें। मृत पशु या पक्षियों के पास कभी न जाएं और न ही उन्हें छूने की कोशिश करें।
27 लोग खा गये चमगादड़
ध्यान रहे कि इससे पहले गढ़वा के सुंडीपुर गांव में मरे हुए चमगादड़ को कुछ ग्रामीण घर लेकर चले गये और खा लिया। जब विभाग को इसकी जानकारी हुई तो महामारी की चिंता सताने लगी है। गुरुवार को उपायुक्त के निर्देश पर गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची । गांव में 27 लोग ऐसे मिले जिन्होंने चमगादड़ खा लिया था। उनकी सेहत की जांच हुई।
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