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आजम खां को फिर सजा
– फोटो : अमर उजाला
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डूंगरपुर में अबरार हुसैन का मकान खाली कराने के दौरान किए गए उत्पीड़न की पूरी कहानी बृहस्पतिवार को आए 59 पेज के फैसले में दर्ज है। आजम को अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई है। अब तक जिन छह मामलों में आजम को सजा हुई है, उनमें यह सजा सबसे ज्यादा है। इससे पहले उन्हें दो मामलों में सात-सात साल, दो मामलों में दो-दो साल और एक केस में तीन साल की सजा हुई है।
डूंगरपुर के इस प्रकरण में आरोपों को साबित करने के लिए अभियोजन की ओर से वादी समेत नौ गवाहों को पेश किया गया, जिन्होंने घटना की पुष्टि की। अभियोजन की ओर से इस मामले में कठोर सजा दिए जाने की मांग की गई। 2019 में गंज थाने में डूंगरपुर बस्ती को खाली कराने के नाम पर लूटपाट, डकैती, मारपीट व धमकाने के 12 मुकदमे दर्ज हुए थे।
चार मुकदमों में कोर्ट का फैसला आ चुका है। आठ मामलों में फैसला आना बाकी है। बृहस्पतिवार को कोर्ट ने डूंगरपुर बस्ती निवासी अबरार हुसैन द्वारा दर्ज कराए गए केस में अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने अपने फैसले में अभियोजन द्वारा पेश किए गवाहों के बयानों का उल्लेख व हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट की दाखिल की गई नजीरें पेश कीं।
बचाव पक्ष की ओर से दाखिल दस्तावेजी सुबूत और लिखित बहस व सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की नजीरों का उल्लेख किया। कोर्ट ने अपने फैसले में सपा नेता आजम खां को 10 साल की कैद व 14 लाख रुपये का जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई। ठेकेदार बरकत अली को सात साल की कैद व छह लाख रुपये का जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई।
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