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अन्तरिक्ष कार्यक्रम के समापन समारोह में स्टूडेंट को प्रमाण पत्र प्रदान करते अतिथि।
उदयपुर के दो एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल विद्यालय (EMRS) के विद्यार्थियों ने अंतरिक्ष विज्ञान को जाना और समझा और अपनी जो जिज्ञासा थी उसे दूर किया। इसमें प्रमुख रूप से मिशन चंद्रयान-3 और आदित्य-एल1 के बारे में उनको विस्तार से बताया गया।
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जनजाति कार्य मंत्रालय, राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति (एनईएसटी नई दिल्ली), इसरो और जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के तत्वाधान में राष्ट्र स्तरीय जनजाति युवा अन्तरिक्ष कार्यक्रम के तहत उदयपुर के ईएमआरएस दादिया और ऋषभदेव के 40 विद्यार्थियों के लिए 7 दिवसीय आवासीय कार्यक्रम जयकार का आज समापन हुआ।
इस कैंप में 7 दिनों के दौरान, निम्बस एजुकेशन की टीम मनीष पुरोहित (पूर्व इसरो वैज्ञानिक), भव्य बापना (पूर्व विश्लेषक गोल्डमैन) और डॉ इंदु बाला पूर्व प्रिंसिपल एमएलवी स्कूल ने व्याख्यान दिया। उन्होंने हर विषय पर पूरी जानकारी दी और स्टूडेंट की जिज्ञासा को भी दूर किया।
शिविर के दौरान कई जानकारियां प्रैक्टिकल करके बताई
इस कैंप में खगोल विज्ञान, इसरो के मिशन जैसे चंद्रयान 3 और आदित्य एल 1, सेटेलाइट डिजाइन, रॉकेट टेक्नोलॉजी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स के साथ-साथ टेलीस्कोप, सेटेलनाईट डिजाइन सॉफ्टवेयर, रॉकेट डिजाईन सॉफ्टवेयर, वाटर रॉकेट्री,सनडायल, प्लैनिस्फेयर, स्टॉर क्लॉक और बाधा से बचने वाले रोवर, लाइन फॉलोइंग रोबोट, लाइव स्ट्रीमिंग के साथ क्यूबसेट, क्युबसेट में इस्तेमाल किए जाने वाले विभिन्न सेंसर पर व्यावहारिक गतिविधियों के बारे में सत्र आयोजित किए गए। समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नोडल प्रभारी डॉ अमृता दाधीच थी। कार्यक्रम में संयोजक बृजमोहन डामोर, संयोजक गणेश अहारी, समन्वयक राकेश परमार एवं मुकेश मीणा उपस्थित रहे।
समापन समारोह में मौजूद अतिथि और स्टूडेंट
टीएडी के एडीईओ अनुराग मेड़तवाल ने बताया की विद्यार्थियो को बैग, इसरो टीशर्ट और इसरो कैप सहित कई खगाोलीय किट दिए गए। विद्यार्थियों ने खगोल विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपना कॅरियर और भविष्य निर्माण का बनाने का दृढ़ संकल्प लिया।
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