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Hot Debate between Congress and BSP Candidate: लोकसभा चुनावों के सातवें और आखिरी चरण का चुनाव प्रचार आज शाम 5 बजे खत्म हो गया। अब 1 जून को आखिरी चरण में वोट डाले जाने हैं। इस चरण में आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 57 सीटों पर मतदान होना है। उत्तर प्रदेश और पंजाब की 13-13, पश्चिम बंगाल की नौ, बिहार की आठ, ओडिशा की छह, हिमाचल प्रदेश की चार और झारखंड की तीन सीटों के साथ-साथ केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ की एकमात्र सीट पर भी इसी चरण में मतदान होना है।
चंडीगढ़ सीट पर भाजपा की तरफ से संजय टंडन चुनावी मैदान में हैं, जबकि कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी को यहां से उतारा है। गुरुवार की शाम चंडीगढ़ में एक अनोखा नजारा सामने आया, जब बसपा की उम्मीदवार ऋतु सिंह ने मनीष तिवारी को विकास से जुड़े मुद्दे और अन्य मुद्दों पर बहस करने की खुली चुनौती दे डाली, जिसे मनीष तिवारी ने सहर्ष स्वीकार कर लिया।
जब दोनों राष्ट्रीय दलों के उम्मीदवारों के बीच बहस होने लगी तो सबसे पहले ऋतु सिंह ने मनीष तिवारी पर आरक्षण को लेकर हमला बोला और कांग्रेस और तिवारी को दलित विरोधी और संविधान विरोधी मानसिकता वाला बताने की कोशिश की लेकिन मनीष तिवारी ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी और गठबंधन के तमाम दल आरक्षण की पक्षधर और पैरोकार हैं। इस पर सिंह ने तिवारी के एक पुराने आलेख पर उन्हें घेरने की कोशिश की और कहा कि आप आरक्षण विरोधी हैं क्योंकि संविधान के प्रावधानों से इतर आपने सिर्फ आर्थिक आधार पर आरक्षण की बात कही थी। ऋतु सिंह ने बार-बार मनीष तिवारी को उनके स्टैंड को लेकर घेरने की कोशिश की।
इसके बाद दोनों के समर्थक आपस में एक-दूसरे पर आरोप लगाने लगे। ऋतु सिंह ने फिर कहना शुरू कर दिया कि आपका अलायंस गठबंधन नहीं ठगबंधन है। सिंह ने कहा चंडीगढ़ में एक लाइट क्रॉस करते ही आप जिसके साथ अलायंस कर रहे हैं वह आपका विरोधी हो जाता है, तो फिर आम आदमी कैसे समझे कि यह देशहित का गठबंधन है। इस दौरान तिवारी के साथ खड़े एक शख्स ऋतु सिंह पर सनसनी फैलाने का आरोप लगाने लगते हैं। ऋतु सिंह तभी कहने लगती हैं कि आप एक महिला का सम्मान नहीं कर सकते तो देश का क्या सम्मान करेंगे। ऋतु सिंह ने कहा जब सड़कें नहीं थी, तब मायावती जी सड़क पर थीं।
इन दोनों नेताओं के डिबेट को लोग दिलचस्पी लेकर देख रहे हैं। इस बीच भाजपा उम्मीदवार संजय टंडन का कहना है कि उनके प्रतिद्वन्द्वी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी एक ‘राजनीतिक पर्यटक’ हैं और 2029 में चुनाव लड़ने के लिए नयी सीट तलाशेंगे। अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ रहे टंडन ने विश्वास जताया कि भाजपा लगातार तीसरी बार इस सीट पर जीत दर्ज करेगी। टंडन 10 वर्षों तक भाजपा की चंडीगढ़ इकाई के अध्यक्ष रह चुके हैं।
टंडन ने कहा, ”मनीष तिवारी एक राजनीतिक पर्यटक हैं… 1991 में वह चुनाव लड़ने के लिए कानपुर गये… निर्वाचन क्षेत्र पहुंचने से पहले ही लोगों ने विरोध किया और उन्हें हवाई अड्डे से दिल्ली वापस भेज दिया गया।” उन्होंने कहा, ”तब से वह (मनीष तिवारी) ऐसा ही करते आ रहे हैं। वह एक निर्वाचन क्षेत्र में जाते हैं और वहां की मौजूदा व्यवस्था से खेलने का प्रयास करते हैं। वह दो अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों से दो बार निर्वाचित हुए हैं। चंडीगढ़ के लोगों के जहन में यह सवाल है कि उन्होंने लुधियाना क्यों छोड़ा?”
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