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मंगलवार को मेयर मुनेश गुर्जर नई फायर शाखा के अधिकारियों को शहर में बिना फायर एनओसी और बदहाल फायर फाइटिंग सिस्टम के भवनों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
गुजरात की राजकोट में हुए अग्निकांड हादसे के बाद राजस्थान में भी शासन प्रशासन एक्टिव मोड में आ गया है। मुख्य सचिव सुधांश पंत के आदेश के बाद प्रदेशभर में नगर निगम और नगर पालिका द्वारा फायर सेफ्टी को लेकर सघन जांच अभियान शुरू कर दिया गया है। लेकिन जयपुर
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नगर निगम फायर शाखा उपायुक्त युगांतर शर्मा ने बताया कि गुजरात के राजकोट में हुए अग्निकांड के बाद आज हमारी टीम ने शहर में गेम ज़ोन, अस्पताल, कमर्शियल भवन समेत 50 स्थानों निरीक्षण किया था। जिनमें OTH बिस्ट्रो बेकर्स, नापोली जयपुर, मसाला मिस्ट्री, रिफलेट किचन, क्रिस्टल कैफे, होटल विजय, प्रेम गार्डन जोरावर सिंह गेट, डी मार्क सुभाष चौक, वैक्स म्यूजियम गोविंद नगर, होटल विंड आमेर समेत 21 भवनों में फायर सेफ्टी उपकरणों में कमियां मिली है।
जिसके बाद हमारी टीम ने सभी 21 भवनों के खिलाफ पांच – पांच हजार रुपए का चालान किया है। इसके साथ ही उनके भवन मालिक को जल्द कमियां सुधारने के निर्देश भी दिए गए हैं। ऐसे में अगर जल्द से जल्द इन कमियों को नहीं सुधारा गया। तो नगर निगम द्वारा सभी भवनों के खिलाफ सीज की कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा।
हालांकि नगर निगम हेरिटेज की यह कार्रवाई महज खानापूर्ति साबित हुई। क्यों कि 21 से ज्यादा भवनों में फायर फाइटिंग सिस्टम में खामियां थी। बावजूद इसके किसी को भी सीज नहीं किया गया। ऐसे में अगर सुधार करने तक या उससे पहले तक किसी भी भवन में कोई हादसा या आगजनी की घटना होती है। तो इसके लिए आखिर कौन जिम्मेदार होगा। इस बारे में इन नगर निगम के अधिकारी शायद सोचना भूल गए। इस पूरे मामले पर हमने नगर निगम के फायर शाखा उपायुक्त युगांतर शर्मा से उनका पक्ष जानने की कोशिश की। लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
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