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गिरिडीह सदर प्रखंड के पिंडाटांड़ पंचायत सचिवालय भवन के समीप और आंगनबाड़ी केंद्र पिंडाटांड़ के सामने वर्ष 2018-19 में जिला परिषद की अनुशंसा से पेयजल एवं स्वच्छता विभाग टू द्वारा बनाए गए सार्वजनिक शौचालय का आज तक उपयोग नहीं हो पाया है। भवन में न कहीं योजना से संबंधित कोई बोर्ड लगा है और न ही आज तक शौचालय का शिलान्यास व उद्घाटन किया गया है। स्थानीय ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मनीष कुमार वर्मा व बीरेंद्र वर्मा सहित अन्य ग्रामीणों ने कहा कि सामुदायिक शौचालय निर्माण से आज तक एक बार भी शौचालय का उपयोग नहीं किया गया है। पीएचईडी विभाग ने निर्माण के बाद शौचालय में जो ताला लगा रखा है वह आज तक लटका ही है। जिस उद्देश्य से शौचालय का निर्माण किया गया था, उसका लाभ स्थानीय लोगों को नहीं मिल रहा है। पिंडाटांड़ गांव में आज भी लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं।
सबसे अधिक परेशानी महिलाओं को हो रही है। स्थिति ऐसी है कि बिना उपयोग के शौचालय बदरंग होता जा रहा है। ठेकेदार ने शौचालय निर्माण के समय डीप बोरिंग में पाइप डाल कर टंकी बैठा दिया गया है, लेकिन आज तक टंकी में पानी नहीं भरा है। शौचालय का निर्माण जिला परिषद के 15वें वित्त से लगभग 10 लाख रुपए से अधिक की लागत से कराया गया है।
मुखिया ने की जिला प्रशासन से जांच और कार्रवाई की मांग स्थानीय मुखिया पुष्पा देवी ने कहा कि शौचालय की चाबी उन्हें भी उपलब्ध नहीं कराई गई है, जो जांच का विषय है। जिला प्रशासन इस विषय को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए शौचालय चालू कराए, ताकि स्थानीय लोगों को इसका लाभ मिल सके। पंचायत समिति सदस्य तेजस्वी देवी ने कहा की शौचालय के अभाव में पंचायत सचिवालय आने वाली महिलाओं को बहुत अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है।
चालू कराने की दिशा में होगी पहल : जेई पीएचडी टू के जेई दीपक कुमार ने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं था। छह सालों से शौचालय का बंद रहना गंभीर विषय है।जांच पड़ताल कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और अविलंब चालू कराने की दिशा में पहल की जाएगी।
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