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झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग में हुए घोटाले मामले में आईएएस मनीष रंजन से मंगलवार को ED ने 9 घंटे तक पूछताछ की है। ED सूत्रों के मुताबिक, मंत्री आलमगीर आलम और मनीष रंजन को आमने सामने बैठाकर सवाल जवाब किया गया। संभावना है कि ईडी फिर मनीष रंजन को समन भ
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ED ने मनीष रंजन को दूसरा समन जारी कर सुबह 11 बजे हिनू स्थित क्षेत्रीय कार्यालय बुलाया था। वे करीब पौने 12 बजे ED ऑफिस पहुंचे थे।
इससे पहले 24 मई को पूछताछ के लिए हाजिर होने का निर्देश दिया था। लेकिन वे हाजिर नहीं हुए। उन्होंने 3 हफ्ते का वक्त देने की मांग की थी और प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान मिली जिम्मेवारियों का हवाला दिया था। लेकिन ईडी ने उन्हें तीन दिन का ही वक्त दिया था।
आईएएस मनीष रंजन और मंत्री आलमगीर आलम को एक साथ बैठाकर पूछताछ करने को लेकर ईडी ने पीएमएलए कोर्ट से आलमगीर आलम के रिमांड की अवधि को बढ़ाने की मांग की थी। जिस पर अदालत ने मांग को स्वीकार करते हुए तीन दिनों के लिए आलमगीर आलम की रिमांड बढ़ा दी।
अदालत में ईडी की ओर से बताया गया कि मनीष रंजन के पास आलमगीर आलम से जुड़ी कई अहम जानकारियां हैं। ऐसे में दोनों को साथ पूछताछ करने के बाद ही कुछ जानकारी सामने निकल कर आएगी।
जांच एजेंसी ने साफ कहा है कि आलमगीर आलम मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं।
जानकारी छुपा रहे हैं आलमगीर
पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से जो जानकारियां दी गई हैं उसमें जांच एजेंसी ने साफ कहा है कि आलमगीर आलम मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं लेकिन वह किसी भी तरह की जानकारियां देने से बच रहे हैं। वह महत्वपूर्ण जानकारी छिपा रहे हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ने यह भी बताया कि आलमगीर आलम के पीए संजीव लाल और उसके निजी सहयोगी जहांगीर आलम से हुई पूछताछ और विभिन्न ठिकाने पर छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेज से इस बात की जानकारी मिलती है कि आलमगीर आलम गलत तरीके से कमाए रुपयों को अपने करीबी लोगों के यहां ही रखते थे।
अब तक की जानकारी में पाया गया कि आलमगीर के करीब ही कुछ वरीय अधिकारी और प्रभावशाली लोग महत्वपूर्ण फैसला लेने और लाभान्वित होने वालों में हैं। ऐसे लोगों के पास गुप्त और महत्वपूर्ण सूचनाएं हैं। इन्हें भी जल्द ही समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।
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