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मध्यप्रदेश में पहली बार निजी स्कूलों पर जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने एसपी आदित्य प्रताप सिंह के साथ मिलकर जो कार्रवाई की है वो ना सिर्फ एम.पी बल्कि पूरे देश में मिसाल बन रही है। रविवार रात से लेकर सोमवार की रात तक पुलिस प्रशासन ने ताबड़तोड़ क
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विदेश भागने की थी तैयारी एयरपोर्ट से गिरफ्तार
स्कूल सत्र शुरु होते ही कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना का पास अभिभावको की लंबी शिकायत लगना शुरू हो गई। बच्चों के माता-पिता की सिर्फ एक ही शिकायत की स्कूल संचालकों ने अचानक ना सिर्फ फीस वृद्धि कर दी, साथ ही हर साल किताब-कापी भी नई मांगी जा रही है। कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम,तहसीलदार, शिक्षा विभाग और पुलिस की टीम बनाई गई, जिसमें 100 से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी थी। बीते दो माह से टीम ने पूरे जिले में जब ताबड़तोड़ कार्रवाई की तो कई चौकाने वाले खुलासे हुए। शहर के बड़े स्कूल संचालक और बुक विक्रेताओं ने ना सिर्फ एक सत्र में 100 करोड़ रुपए तक अभिभावको से स्कूल फीस और किताब के जरिए कमाए बल्कि अपनी ऑडिट रिपोर्ट को भी छिपाया। रविवार रात से लेकर सोमवार की दोपहर तक पुलिस-प्रशासन ने शहर के 11 बड़े स्कूलों संचालक,प्रिंसिपल, पुस्तक विक्रेता और प्रकाशक के खिलाफ कार्रवाई की, साथ ही 51 लोगों पर धारा 420, 409, 468, 471 के तहत एफआईआर दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया। पुलिस ने 20 लोगों को सोमवार को उनके घर, दफ्तर, बाजार से गिरफ्तार किया है। प्रशासन की कार्रवाई के बाद कुछ स्कूल संचालक देश छोड़कर विदेश भागने की फिराक में थे, जिन्हें कि एयरपोर्ट से पकड़ा गया है।
सिर्फ तीस दिन का समय-पैसा करो वापस
कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने जिले के सभी स्कूल संचालक और प्रिंसिपल को हिदायत दी है कि सभी के पास सिर्फ तीस दिन का समय है। अगर नियम के विपरीत फीस बढ़ाई गई है तो ईमानदारी से उसे अभिभावकों को वापस कर दे। कलेक्टर ने कहा कि अब जल्द ही जिले के अन्य निजी स्कूलों की भी जांच होगी। हालांकि उन्होंने कहा कि हमें मजबूर ना करे कि हम जांच कर स्कूल संचालकों को गिरफ्तार कर जेल भेजे। जबलपुर कलेक्टर ने बताया कि शहर के कई स्कूल ऐसे है जिन्होंने कि अपनी आडिट रिपोर्ट पर खर्च-व्यय को जारी नहीं किया और अभिभावकों से फीस वसूली करना शुरू कर दिया। जिला प्रशासन ने लगभग 55 दिनों की जांच में स्कूलों की आय-व्यय से लेकर किताबों की खरीदारी, पुस्तक विक्रेता के साथ सांठगांठ, प्रकाशक की भूमिका की जांच की और जांच में दोषी पाए गए स्कूल संचालकों को गिरफ्तार करवाया। अभी तक कि जांच में पाया गया कि 11 स्कूलों ने 21 हजार विद्यार्थियों से लगभग एक साल में 81 करोड़ 30 लाख रुपये की अतिरिक्त फीस वसूला। इतना ही नहीं ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए 80 फीसदी फर्जी किताब को भी कोर्स में जोड़ा। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने 11 स्कूलों सहित अन्य वो स्कूल जिन्होंने कि नियम के विपरीत जाकर 30 दिन के अंदर अभिभावकों को अतिरिक्त फीस वापस करने के निर्देश दिए हैं।
11 स्कूलों पर 22 लाख रुपए का जुर्माना
शिक्षा की आड़ में माफिया बने शहर के बड़े 11 स्कूल संचालक और प्राचार्य की गिरफ्तारी के साथ-साथ कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने स्कूलों पर 22 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों से कहा है कि वे 30 दिन के भीतर अपने स्कूल के आय-व्यय का स्वत: ही आडिट करे और जो भी अतिरिक्त फीस वृद्धि की है, उसे बिना देरी किए ही 30 दिन के भीतर अभिभावकों को स्कूल में बुलाकर वापस करें। कलेक्टर ने कहा कि इसके बाद भी अगर अभिभावक की शिकायत आती है या फिर प्रशासन फिर से स्कूलों में औचक जांच करेंगे और दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा। जरुरत पड़ी तो उन्हें जेल भी भेजा जाएगा। जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना की इस कार्रवाई के बाद से पूरे प्रदेश के शिक्षा माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि जिले के 1037 निजी स्कूल में लगभग दो लाख 52 हजार बच्चे वर्तमान में पढ़ाई कर रहे है। शहर के अधिकांश स्कूलों में फीस वृद्धि के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। नियमनुसार 10 फीसदी तक फीस वृद्धि स्वीकृति है, पर जिले के अधिकांश स्कूल 10 से 15 फीसदी वृद्धि कर रहे है, जिसके लिए जिला प्रशासन की स्वीकृति लेना अनिवार्य होता है। इसके बाद भी स्कूलों ने मनमानी करते हुए फीस बढ़ा दी।
11 स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई-बाकी रडार में
कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने बताया कि एक अप्रैल से स्कूल खुलना शुरू हो गए थे, पर उससे पहले ही निजी स्कूलों की फीस वृद्धि और पुस्तक विक्रेता- प्रकाशन के खिलाफ शिकायतों मिलना शुरू हो गई थी। निजी स्कूलों के खिलाफ अभिभावकों ने फीस, पुस्तक, ड्रेस और स्टेशनरी के मुनाफाखोरी की शिकायत की तो जिला प्रशासन ने जांच करना शुरू कर दी। जांच के दौरान करीब अभिभावकों ने करीब 250 शिकायत सीधे कलेक्टर तक पहुंचाई। इसमें जिले के 75 स्कूलों के खिलाफ 52 दिनों तक लगातार जांच की गई। कार्रवाई के पहले चरण में शहर के 11 बड़े स्कूलों को चिन्हित करते हुए उनके खिलाफ एफआईआर करते हुए उन्हे गिरफ्तार किया गया। जांच का पहला चरण पूरा किया है।
शहर के पांच स्कूल में 100 फीसदी फर्जी किताब
जिला प्रशासन ने जांच में पाया कि शहर के पांच बड़े स्कूलो ने छात्रों से फर्जी किताबें खरीदवा दी। शहर के पांच स्कूलों में जांच की गई तो पता चला कि स्कूल में हर साल नई किताब लगाई जा रही थी, ताकि अभिभावकों से ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकें। जांच में चौंकाने वाली बात यह भी थी कि 11 स्कूल में कई ऐसे थे, जिन्होंने अक्टूबर में ही कोर्स की किताबें तय की और पुस्तक विक्रेता को दे दीं, लेकिन 25 मार्च को उन्होंने कोर्स की किताबों की जानकारी सार्वजनिक की। काेर्स में जोड़ी गई किताबों में इंटरनेशनल स्टैंडर्ड बुक नंबर तक नहीं था। 11 स्कूल में पांच ऐसे थे, जिन्होंने 100 फीसदी किताबें बिना आइएसबीएन नंबर के जोड़ दीं, जो फर्जी थीं। इनमें ज्ञान गंगा आर्केड, क्राइस्ट चर्च आइएससी, सेंट अलॉयसियस पोलीपाथर, क्राइस्ट चर्च डाइसेशन, सेंट अलॉयसियस सदर स्कूल थे। शेष छह ने 60 से 90 फीसदी बुक फर्जी लगाई, जिसके बाद 11 स्कूल के संचालकों के खिलाफ एफआईआर की गई है।
81 करोड़ रुपए की अवैध वसूली
शहर के 11 कथित निजी स्कूलों ने 81 करोड़ रुपए की अवैध फीस वसूली अभिभावकों से वसूल की है। इन स्कूलों ने 21 हजार बच्चों से 81 करोड़ 30 लाख रुपए अवैधानिक तरीके वसूले गए है। कलेक्टर ने कहा कि इस तरह का कृत्य एक तरफ से आपराधिक षड्यंत्र है। इन इन स्कूलों में क्राइस्ट चर्च को-एड स्कूल सालीवाड़ा, लिटिल वर्ल्ड स्कूल,स्टेमफील्ड इंटरनेशनल स्कूल, ज्ञानगंगा आर्किड इंटरनेशनल स्कूल, चैतन्य टेक्नो स्कूल, क्राइस्ट चर्च आईएससी स्कूल,सेंट एलॉयसिस स्कूल पोली पाथर, क्राइस्ट चर्च डाइसेशन स्कूल घमापुर, सेंट एलायसिस स्कूल सदर, क्राइस्ट चर्च ब्याज सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेंट एलॉयसिस सीनियर सेकेंडरी स्कूल रिमझा शामिल हैं। इस दौरान शहर के कई अन्य बडे स्कूलों छोडे जाने की बात पर कलेक्टर ने कहा कि अभी जांच चल रही है अन्य स्कूलों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
9 थाना पुलिस ने 21 को किया गिरफ्तार
जिला शिक्षा विभाग के प्रतिवेदन पर जबलपुर पुलिस ने धारा 420,409,468,471,120 बी के तहत इन 21 लोगों को गिरफ्तार किया है।
– ओमती थाना ने अजय उमेश जैम्स पिता हनेरीचंद कुमार जैम्स उम्र 50 वर्ष निवासी 2722 नेपियर टाउन मिशन कम्पाउंड क्राइस्ट चर्च जबलपुर से गिरफ्तार किया। इसके साथ ही शाजी चामस पिता स्व एम एम थॉमस उम्र 54 वर्ष निवासी ड्यूपलेक्स नम्बर 40 ऑस्मो सिटी गोरखपुर जबलपुर, लूबी मैरी साठे पति अभय कुमार साठे उम्र 59 वर्ष निवासी फ्लैट नम्बर 27 गोल्छा अपार्टमेंट स्टेशन मार्ग साउथ सिविल लाईन जबलपुर अतुल अनुपम अन्नाहिम पिता स्व. डब्ल्यु डब्ल्यु अब्राहम उम्र 49 वर्ष निवासी 242 सीएमएस कम्पाउण्ड नॉर्थ सिविल लाइन जबलपुर, एकता पीटर पति सेमुअल पीटर उम्र 45 वर्ष निवासी मकान 750 जी वेस्ट घमापुर न्यू क्रिश्चियन कॉलोनी घमापुर थाना बेलबाग वर्तमान पता आकर्ष इनकलेव तिलहरी थाना बरेला को गिरफ्तार किया गया।
– थाना भेड़ाघाट पुलिस ने भरतेश भारिल पिता शिखर चंद जैन उम्र 63 वर्ष निवासी 125 ए. आदर्श नगर नर्मदा रोड थाना गोरखपुर, दीपाली तिवारी पिता प्रेमचंद दुबे उम्र 50 वर्ष निवासी फ्लैट नंबर 19 सत्य विला अपार्टमेंट एसबीआई कालोनी गोरखपुर
– थाना संजीवनी नगर ने चंद्रशेखर विश्वकर्मा पिता स्व. श्याम शंकर विश्वकर्मा उम्र 71 वर्ष निवासी मकान नंबर 333 गुप्तेश्वर रोड मदन महल गढ़ा
– थाना गोरा बाजार ने सूर्य प्रकाश वर्मा पिता स्व. देवदत्त वर्मा उम्र 68 वर्ष निवासी सूर्यकिरण पैलेस कुसुम एन्क्लेव नेपियर टाउन मदन महल, शशांक श्रीवास्तव पिता स्व. आनंद कुमार श्रीवास्तव उम्र 38 वर्ष निवासी कृष्णा कुंज नेपियर टाउन मदन महल
– थाना तिलवारा ने चित्रांगी अय्यर पति का नाम उम्र वर्ष निवासी CEO 55 लिली विंला सूखसागर वैली पोलीपाथर जबलपुर, सुबोध नेमा मैनेजर पिता का नाम उम्र 60 वर्ष निवासी 201/15, रतन कली जबलपुर, श्रीमती परिधि भार्गव पति का नाम उम्र 62 वर्ष निवासी दत्त अपार्टमेंट, होम साइंस कलेज रोड पंजाबी हिंदू एसोसिएशन के पास, राइट टाउन
थाना ग्वारीघाट ने सोमा जार्ज पति सचिन जार्ज उम्र 47 वर्ष निवासी पीपी कालोनी ग्वारीघाट,
थाना माढोताल ने श्रीराम इंदुरख्या पिता स्व. कृष्ण कुमार इंदुरख्या उम्र 39 वर्ष निवासी मार्बल सिटी हास्पिटल के बाजू में स्वामी दयानंद सरस्वती वार्ड नेपियट टाउन ओमती, आरोक इंदूरख्या पिता स्व. कृष्ण कुमार इंदूरख्या उम्र 50 वर्ष निवासी मार्बल सिटी हास्पिटल के बाजू में स्वामी दयानंद सरस्वती वार्ड नेपियट टाउन ओमती, मनमीत कोहली पति रनत कोहली उम्र 48 वर्ष निवासी अंजली स्टेट सगड़ा मकान नम्बर 171 नियर सेंट ज्यूड चर्च थाना तिलवारा, इब्राहिम ताज हते रातू पिता अब्राहिम टीटी विशुप उम्र 61 वर्ष निवासी चुंगी चौकी रोड स्नेह सदन आर.टी.ओ. आफिस के पास सिविल लाईन
थाना बरेला ने नीलेश सिंह पिता स्व. सुरेन्द्र सिंह उम्र 40 वर्ष निवासी सिवनी वर्तमान पता एसएस फिलिफ चर्च कोतवाली के बाजू में कटनी, क्षितिज टेकम पिता सुरेश सिंह टेकम उम्र 43 वर्ष निवासी नेपियर टाउन नितिन कम्पाउण्ड थाना ओमती
थाना बेलबाग ने ललित सोलेमन पिता स्व. लायल सोलोमन उम्र 56 वर्ष निवासी डिसाईपल चर्च कम्पाउण्ड मोतीमहल के सामने नागरथ चौक नेपियर टाउन ओमती स्थाई पता तिलक वार्ड चर्च कम्पाउण्ड रोड जिला मण्डला
स्कूलों पर इसलिए हुई कार्रवाई
– स्कूलों ने किताब बदलकर तीन करोड़ 47 लाख और स्टेशनरी से 65 लाख रुपये अतिरिक्त कमाई की।
– जानकारी देने से बचने के लिए स्कूलों ने पोर्टल पर ऑडिट रिपोर्ट की अपलोड नहीं की।
– जिन्होंने आडिट रिपोर्ट बनाई, उन्होंने इस पर भी कई हेरफेर कर दिए।
– 15 फीसदी से ज्यादा फीस बढ़ाई, पर जानकारी किसी को नहीं दी।
– स्कूल बैग का वजन दो से तीन गुना तक बढ़ा दिया, ताकि कमाई हो सकें।
कुछ इस तरह से हुई कार्रवाई
– जिला प्रशासन की ओर से आठ एसडीएम, 12 तहसीलदार, 25 शिक्षा अधिकारी, 60 कर्मचारी ने इस जांच को अंजाम दिया।
– जांच के दौरान टीम ने स्कूलों में पांच आकस्मिक छापेमारी की गई, जिसमें कई दस्तावेज जब्त किए, जिन्हें स्कूलों ने छिपाया।
– जांच टीम ने 50 से ज्यादा स्कूलों में जाकर उनकी आडिट रिपोर्ट तैयार की और फिर प्रबंधक और शिक्षकों से पूछताछ की।
– कलेक्टर ने दो खुली सुनवाई की, जिसमें स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों को आमने-सामने बैठाकर बात की।
– जांच के बाद 51 लोगों पर मामला दर्ज किया गया, इसमें सोमवार को 20 लोगों को सुबह गिरफ्तार किया।
– इनमें 30 स्कूलों के प्रबंधक, पांच पुस्तक विक्रेता, 16 पुस्तक के प्रकाशक शामिल थे।
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