[ad_1]
सीतामाता सेंचुरी में गश्त के दौरान वन विभाग की टीम ने बांस से भरे हुए ट्रक को पकड़ा है।
सीतामाता सेंचुरी में गश्त के दौरान वन विभाग की टीम ने बांस से भरे हुए ट्रक को पकड़ा है। साथ ही आरोपी तस्कर को गिरफ्तार भी कर लिया। आरोपी यह बांस की लकड़ियां एमपी में लेकर जा रहा था, जहां इसका यूज फर्नीचर बनाने के लिए करने वाला था। इन लकड़ियों की अनुम
.
उपवन संरक्षक वन्यजीव (DFO) सोनल जोरिहार के निर्देशन में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए एक टीम गश्त लगा रखी थी। इसी दौरान मुखबिर से लकड़ियों की तस्करी किए जाने की सूचना मिली। मौके पर बड़ीसादड़ी रेंजर अर्जुन कुमार, क्षेत्रीय वन अधिकारी प्रथम सोमेश्वर त्रिवेदी, क्षेत्रीय वन अधिकारी प्रथम प्रशिक्षु समेराराम पुरोहित, सहायक वनपाल नाका हरिसिंह का खेड़ा राजेश बलाई, वनरक्षक केवलपुरा भारतकुमार मीणा, वनरक्षक धर्मराज नागर, सहायक वनपाल सरीपीपली राघवेंद्र सिंह, ड्राइवर किशन सिंह, वनरक्षक नाका सांगरीखेड़ा कन्हैया लाल मीणा, वनरक्षक लोकेंद्रसिंह, पुष्पेंद्र सिंह, अखिल कुमार पहुंचे। टीम ने देखा कि सेंचुरी में एक ट्रक खड़ा है, जिसमें 15 हजार गीली बांस की लकड़ियां भरी हुई थी। ड्राइवर रतनगढ़, जिला नीमच, मध्य प्रदेश निवासी साजिद खान पुत्र फिरोज खान पास में ही खड़ा था। उसके पास किसी तरह का लाइसेंस भी नहीं था। ऐसे में ड्राइवर साजिद खान को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की तहत मामला दर्ज किया गया। साथ ही गाड़ी को भी जब्त कर लिया गया। डीएफओ सोनल जौरिहर ने बताया कि इस मामले में गंभीरता से से जांच होगी और दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी होगी।
एमपी लेकर जा रहा था तस्कर
प्रारंभिक पूछताछ के दौरान साजिद खान ने बताया कि वह एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम करता है। ऑर्डर मिलने पर वह यहां से लकड़ियां लेने आया था। इन लकड़ियों को वापस एमपी ले जाया जा रहा था, इसी दौरान पकड़ा गया। इनसे सीढ़ियां, मकान में प्लास्टर करने के दौरान यूज होने वाले मचान सहित अन्य फर्नीचर के लिए बांस की लकड़ियों की जरूरत होती है। इन 15000 बांस की लकड़ियों की अनुमानित कीमत लगभग 4.50 लाख रुपए है।
[ad_2]
Source link