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गोवंश में लंपी जैसा संक्रमण फिर नजर आने लगा है। नई सड़क, नीमवाड़ी, भट्ट मोहल्ला में घूम रही तीन गाय में लंपी वायरस के स्पष्ट लक्षण दिखाई दे रहे हैं। उनके शरीर पर फोड़े और गांठ हो रही है। वह सड़कों पर भटक रही है। हालांकि पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस बार यह वायरस ज्यादा खतरनाक नहीं है। जिले में टीकाकरण भी किया जा रहा है। ऐसे में चिंता की बात नहीं है। जानकारी अनुसार वर्तमान में जिले में गायों की अनुमानित संख्या 1 लाख 60 हजार है।
साल 2022 और साल 2023 में देश सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों के हजारों गोवंश लंपी वायरस की चपेट में आ गए थे। इससे सैकड़ों गायों की मौत तक हो गई थी। देश-प्रदेश में लंपी के बढ़ते मामलों को लेकर साल 2022 में तत्कालीन कलेक्टर दिनेश जैन ने जिले में धारा 144 लागू कर दी थी। आदेश में जिले की सीमा में पशुओं का परिवहन, पशु मेला, और पशुओं के हाट बाजार पूरी तरह बंद कर दिए थे। अन्य जिलों व राज्यों से जिले में पशुओं का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया था।
पशु विभाग ने साल 2022 में लंपी स्किन डिजीज के संक्रमण को रोकने के लिए लाइव गोट पॉक्स वैक्सीन करीब 85 हजार डोज गोवंश को निशुल्क लगाई गई थी। फिर पिछले साल 2023 में तत्कालीन कलेक्टर किशोर कन्याल ने भी लंपी की रोकथाम के लिए पशु विभाग को गोवंश व संक्रमित पशुओं का जल्द से जल्द टीकाकरण करने के निर्देश दिए थे। साथ ही कलेक्टर के निर्देश पर पशु विभाग ने लंपी की सूचना देने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिए थे। लेकिन इस बार लंपी की रोकथाम के लिए इस तरह की कवायद नहीं हो रही। बीते दिनों शाजापुर शहर में ही तीन गाय में लंपी वायरस के लक्षण दिखाई दिए। संभावना है कि वह लंपी से संक्रमित है। लेकिन इसकी सूचना न तो पशु विभाग को है और न ही नगर पालिका को। शहर की मुख्य सड़कों सहित कॉलोनियों में अभी भी दर्जनों निराश्रित गोवंश घूम रहे हैं, जिनमें लंपी संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है।
निराश्रित पशुओं को गोशाला भेज देंगे, लेकिन नहीं भेजा
लंपी की रोकथाम के लिए गत वर्ष पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक डॉ एसके श्रीवास्तव ने जिले के सभी पशुपालकों से अनुरोध किया था कि कि वे अपने पालतू पशुओं को सड़कों पर नहीं छोड़ें, उन्हें घरों पर ही बांधेंं अन्यथा उन्हें निराश्रित समझकर गोशालाओं में भेज दिया जाएगा। लेकिन असल में सड़क पर घूम रहे किसी भी गोवंश को गोशालाओं में नहीं भेजा गया। वर्तमान में पूरे शहर में सैकड़ों गोवंश निराश्रित घूम रहे हैं। वहीं नगर पालिका शाजापुर द्वारा पिछले साल शहर में मुनादी करवाकर सड़क पर घूम रहे गोवंश मालिकों पर जुर्माने की कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
टीकाकरण किया जा रहा है
^हमारे द्वारा टीकाकरण किया जा रहा है। इस बार यह वायरस ज्यादा खतरनाक नहीं है। शहरी क्षेत्र में कुछ गायों में लक्षण मिले हैं, ग्रामीण अंचल में नहीं है। जिन गायों में लक्षण दिखे हैं, उनकी आयु आठ माह से एक साल के बीच है।
-डॉ एसके श्रीवास्तव, उपसंचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं
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