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छठे चरण के मतदान के बाद झारखंड की पूरी चुनावी राजनीति संथाल परगना प्रमंडल में शिफ्ट हो गई है। यहां के तीन संसदीय सीट गोड्डा, दुमका और राजमहल में अंतिम चरण में 1 जून को मतदान होगा। भाजपा तीनों सीटों पर, जबकि झामुमो दो और कांग्रेस एक सीट पर चुनाव लड़ र
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पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कमी को भरने की कोशिश में जुटी हैं कल्पना सोरेन
प्रदेश में तीन चरणों का चुनाव हो चुका है। चौथे और अंतिम चरण में संथाल के इन तीनों क्षेत्रों में होनेवाला प्रचार सबसे आक्रामक होने वाला है। भाजपा जहां तीनों सीट जीतने को संकल्पित है, वहीं कांग्रेस और झामुमो अंतिम चरण में बाजी 3-0 से जीत कर अपर हैंड कायम करना चाहते हैं। अन्य क्षेत्रों में मतदान हो जाने के कारण सभी पार्टियों के प्रादेशिक नेता संथाल में अपने-अपने दलोंं के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कमी को भरने में उनकी प|ी कल्पना सोरेन लगी हुई हैं। गांडेय विधानसभा उपचुनाव समाप्त होने के बाद कल्पना ने संथाल पर पूरा फोकस किया है। झामुमो का गढ़ संथाल ही है, ऐसे में इन क्षेत्रों में झामुमो कल्पना सोरेन का ज्यादा से ज्यादा उपयोग कर रहा है। कल्पना भी अपनी भावुक बातों से लोगों को पार्टी से जोड़े रखने की भरपूर कोशिश में लगी हुई हैं।
निशिकांत दुबे, सीता, प्रदीप, विजय और नलिन के कारण संथाल बना हॉट एरिया
निशिकांत दुबे, सीता सोरेन, विजय हांसदा और नलिन सोरेन के कारण संथाल परगना हॉट एरिया बना हुआ है। संथाल परगना प्रमंडल की तीनों सीट दुमका, गोड्डा और राजमहल में ये बड़े नेता चुनाव मैदान में हैं। ऐसे में भाजपा, झामुमो और कांग्रेस के इन प्रत्याशियों की प्रतिष्ठा और सियासी भविष्य भी यहां के परिणाम से प्रभावित होंगे। प्रमुख प्रत्याशियों में गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और कांग्रेस के प्रदीप यादव के बीच संघर्ष है। इसी प्रकार राजमहल से झामुमो सांसद विजय हांसदा, भाजपा के ताला मरांडी और झामुमो से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे लोबिन हेंब्रम के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। दुमका में झामुमो छोड़ भाजपा का दामन थामने वाली दुर्गा मरांडी की प|ी और शिबू सोरेन की पतोहू सीता सोरेन और झामुमो के नलिन सोरेन के बीच टक्कर है।
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