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चंडीगढ़ में जाली कागजात पर गाड़ी खरीदने के लिए दंपती ने खुड्डा अलीशेर स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 8 लाख 94 हजार रुपए लोन लिया। दंपती ने किस्त नहीं भरी और गाड़ी आगे राजपुरा निवासी विनोद कुमार सहगल को बेच दी।
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बैंक मैनेजर मोहन शर्मा ने मामले की शिकायत पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस स्टेशन 11 मामले में कार्रवाई करते हुए दंपती ललित कुमार और हरजीत कौर के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली।
जाली दस्तावेज कार्रवाई जमा
बैंक की ओर से पुलिस को दी शिकायत में बताया गया कि ललित ने बैक में अपने पता सैक्टर 20 के मकान नंबर 1558 ए के साथ कागजात दिए थे जबकि गाड़ी का रजिस्ट्रेशन दंपती ने पटियाला के अर्बन स्टेट के मकान नं 2801 के कागजात पर करवाया था। ललित ने बैंक के पास रजिस्ट्रेशन के जाली कागजात जमा करवाए।
किस्त जमा करवानी की बंद
ललित ने गाड़ी की किस्त लोन लेने के बाद जमा करवानी बंद कर दी। बाद में पता चला कि ललित ने बैंक से लोन लेकर खरीदी होंडा सियाज गाड़ी पटियाला स्थित राजपुरा के धरमपुरा कॉलोनी के मकान नंबर 513 निवासी विनोद कुमार सहगल को बेच दी।
पटियाला में गाड़ी का रजिस्ट्रेशन करवाया
जाली कागजात पर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन पटियाला में करवाया गया। सैक्टर 20 निवासी ललित कुमार में ने गाड़ी खरीदने के लिए खुड्डा अलीशेर स्थित स्टेंट बैंक आफ इंडिया में लोन के लिए अप्लाई किया था। 14 जनवरी 2018 को लोन लेने के लिए ललित और हरजीत कौर ने स्टैन कोर्स के कागजात लोन के लिए लगाए थे। बैंक ने कागजात देखने के बाद होंडा सिटी सियाज के लिए 8 लाख 94 हजार रुपये का लोन 9.2 प्रतिशत ब्याज के साथ पास कर दिया। गाड़ी की हर महीने की किस्त 14 हजार 474 बनी थी।
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