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ग्रामीण विकास विभाग में हुए टेंडर कमीशन घोटाला मामले में गिरफ्तार मंत्री आलमगीर आलम से अब ईडी और तीन दिन पूछताछ करेगी। 11 दिनों की रिमांड पूरी होने के बाद आज उन्हें पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया था।
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जहां ईडी ने उनसे जवाब-तलब करने के लिए और रिमांड की मांग की। ईडी ने कोर्ट को बताया कि आलमगीर आलम पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। अदालत ने सुनवाई के बाद तीन दिनों की और रिमांड दी है। इस तरह ईडी उनसे पूरे 14 दिनों की रिमांड अवधि में पूछताछ करेगी।
ईडी सोर्स की माने तो जांच एजेंसी ने मंत्री आलमगीर आलम की फिर से रिमांड इसलि मांगी है ताकि कल आईएएस मनीष रंजन के साथ ही उनसे पूछताछ की जा सके। ईडी ने मनीष रंजन को दूसरी बार समन भेज 28 मई को पूछताछ के लिए बुलाया है।
11 दिनों की पूछताछ में नहीं मिले सवालों के सटीक जवाब
गिरफ्तारी के बाद मंत्री आलमगीर आलम को पहली बार ईडी ने छह दिनों की रिमांड में लिया। इसके बाद पांच दिनों की रिमांड में लेकर पूछताछ की। इन 11 दिनों में 50 से अधिक सवाल ईडी ने उनसे टेंडर, टेंडर में कमीशन, पीए के सहायक के यहां बरामद रुपए से जुड़े किए, पर मंत्री आलमगीर की ओर से अधिकांश सवालों के जवाब में कहा कि जानकारी नहीं है।
ऐसे में अब कयास लगाए जा रहे हैं कि आईएएस मनीष रंजन के साथ बैठा कर सवाल-जवाब किए जाने के बाद कुछ बातें स्पष्ट हो सकती हैं।
मनीष रंजन को क्यों ईडी ने भेजा समन
आलमगीर आलम की पहले छह दिनों की रिमांड पूरी होने के बाद जब उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, तब उसी दौरान ईडी ने एक डायरी भी कोर्ट के सामने रखी। इसमें कई तरह के कोड वर्ड लिखे हुए थे।
जिसमें लिखे कई कोड वर्ड में से एक शब्द ‘एम’ भी लिखा हुआ था। इसी शब्द के आधार पर ग्रामीण विकास विभाग में सचिव रह चुके आईएएस अधिकारी मनीष रंजन को ईडी ने दोबारा समन जारी कर 28 मई को पूछताछ के लिए बुलाया है।
संजीव लाल के नौकर जहांगीर के घर से कैश मिला था।
पीएस के पास मिले थे कैश
बता दें कि ईडी ने 6 मई को मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और उससे जुड़े लोगों के ठिकानों पर रेड मारी थी। इसमें 32 करोड़ 20 लाख रुपये कैश की बरामदगी हुई थी। पूछताछ के दौरान इस मामले में मंत्री को पीएस संजीव कुमार लाल और उनके नौकर जहांगीर आलम को 6 मई की देर रात ही गिरफ्तार कर लिया गया था। इन दोनों से 14 दिनों तक रिमांड पर पूछताछ की गई है और दोनों को पिछले मंगलवार को कोर्ट में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
15 मई को गिरफ्तार हुए थे मंत्री
इस मामले में 15 मई की शाम मंत्री आलमगीर आलम को ईडी ने गिरफ्तार किया था। इसके पहले उनसे 14 और 15 मई को कुल मिलाकर करीब 14 घंटे पूछताछ की गई थी। ईडी ने कोर्ट को बताया कि ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर कमीशन घोटाले में इंजीनियर, अधिकारी व मंत्री का एक संगठित गिरोह सक्रिय था।
ईडी ने नमूने के तौर पर जनवरी महीने में पारित 92 करोड़ के 25 टेंडर के ब्यौरे से संबंधित एक पेपर भी कोर्ट में जमा किया है, जिसमें यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि मंत्री आलमगीर आलम ने सभी 25 टेंडर में कमीशन के रूप में 1.23 करोड़ रुपए लिए थे। इधर, इसी केस में पुलिस ने झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव और सीनियर आईएएस मनीष रंजन को भी समन किया है। उन्हें 28 मई को ईडी के जोनल कार्यालय में उपस्थित होने को कहा गया है।
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