[ad_1]
नालों की सफाई ऐसी कि कांच की तरह दिखने लगा बहता पानी।
तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में बारिश से पहले नालों की साफ-सफाई की जा रही है। ताकि बारिश के दौरान पानी की निकासी आसानी से हो सकें। इस काम को युद्व स्तर पर किया जा रहा है। दिन के समय तीर्थनगरी में श्रद्वालुओं की तादाद रहती है। फूल, पूजा और प्रसाद सामग्री की
.
ऐसा करने वाली ओंकारेश्वर नगर परिषद जिले में एकमात्र है। जहां बारिश से पहले युद्व स्तर पर नालों की साफ-सफाई की जा रही है। वो भी पूरी शिद्दत के साथ हो रहा है। बड़े नालों से जेसीबी व पोकलेन के जरिये मलबा उठाया जा रहा है। झाड़ियों को साफ कर नालों को सुंदरता दी जा रही है। पक्के नालों की सफाई ऐसी गई है कि जमीन का कांक्रीट दिखने लगा है। पानी की निकासी को इस तरह गति मिली है कि कहीं भी रूकावट नहीं हाे रही है। ना ही नाले ओवरफ्लो हो रहे।
जेसीबी मशीन से रात में नालों से मलबा निकाला जा रहा है।
कलेक्टर ने दिए थे निर्देश, युद्व स्तर पर चला रहे अभियान
नगर परिषद सीएमओ संजय गीते बताते है कि बारिश से पहले नालों की सफाई होना जरूरी होता है। ताकि बारिश का पानी आसानी से निकल जाए और कहीं भी जल जमाव नहीं हो। कलेक्टर साहब के मार्गदर्शन में हम लोग बेहतर से बेहतर सफाई कर रहे है। खास बात यह है कि नगर परिषद की पूरी टीम भी रात के समय जुटी रहती है। रात में ही मलबा को बाहर फिकवा दिया जाता है।
बता दें कि नगर परिषद सीएमओ संजय गीते स्वच्छता प्रेमी है। वे खंडवा नगर निगम में पदस्थ थे, तब शहर की सड़कों पर रोजाना विशेष सफाई अभियान चलाते थे। बाद में मूंदी नगर परिषद के सीएमओ रहते हुए वहां स्वच्छता को लेकर उत्कृष्ट कार्य किया। स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रदेश भर की नगर परिषदों को पीछे छोड़कर मूंदी को राष्ट्रीय स्तर के अवार्ड दिलवाएं। वे पूर्व में भी ओंकारेश्वर नगर परिषद में सीएमओ रहे थे। हाल में ही सागर जिले से स्थानांतरित होकर वापस ओंकारेश्वर आए है।
[ad_2]
Source link