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लखनऊ के जीपीओ में फर्जी चेक से पैसा निकालने वाले जालसाज को रंगे हाथों पकड़ा गया। आरोपी इसके पहले दो बार फर्जी चेक से 45 हजार और 48 हजार निकाल चुका है। शनिवार को फिर से पैसा निकालने पहुंचा था तभी क्लर्क को शक होने पर उसे पकड़ा गया। पूछताछ में पता चला
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इंस्पेक्टर हजरतगंज विक्रम सिंह ने बताया कि शनिवार को सुबह 10:30 बजे एक व्यक्ति जय प्रकाश बनकर आजमगढ़ की हीरापट्टी पीएनबी शाखा का 45 हजार रुपए का चेक जमा कर रहा था। शक होने पर काउंटर क्लर्क ने पकड़ लिया। इसके बाद पुलिस को सूचना दी। मौके से पहुंची पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर जांच शुरू की। पूछताछ में आरोपी पहचान पारा के बुद्धेश्वर के रहने वाले राकेश चौरसिया के रूप में हुई। आरोपी टाइल्स कारीगर का काम करता है।
जांच में सामने आया कि आरोपित ने पहले भी फर्जी क्लोन चेक लगाकर रूपए निकालने का प्रयास किया है। जिसकी विभागीय जांच चल रही है। इसके अलावा 21 मई को दो क्लोन चेक 45 हजार और 48 हजार के थे। उनको भी क्लीयर करवा चुका था। दोबारा फिर से रुपए निकालने का प्रयास कर रहा था। इस बार क्लर्क ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया।
फर्जी आधार पर अपनी फोटो लगाकर खुलवाया खाता
राकेश ने जय प्रकाश के नाम से फर्जी दस्तावेज लगाकर खाता खुलवाया था। जांच में पता चला कि नाम जय प्रकाश था लेकिन फोटो उसकी थी। इसके अलावा यूनियन बैंक, पीएनबी स्टैंडर्ड चार्टेड समेत अन्य बैंकों में आठ खाते हैं।
डेढ़ साल से कर रहा जालसाजी
राकेश का कई राज्यों में नेटवर्क फैला है। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि जम्मू कश्मीर, रांची समेत अन्य राज्यों में भी चेक भुना चुका है। पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि आरोपित पिता के साथ काम करता था। उसी के साथ पिछले डेढ़ साल से चेक भुनाने का काम कर रहा है। 50 हजार रुपए से कम रकम भरता था।
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