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बस्तर के बीजापुर जिले में 33 माओवादियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। माओवादियों ने कहा कि वे आदिवासियों पर माओवादियों द्वारा किए गए अत्याचारों और खोखली माओवादी विचारधारा से निराश हैं। माओवादियों ने यहां वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और सीआरपीएफ के अधिकारियों के सामने यह कहते हुए आत्मसमर्पण कर दिया कि वे खोखली माओवादी विचारधारा से निराश हैं और वे पुलिस की पुनर्वास नीति से भी प्रभावित हैं।
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र यादव ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले 33 कैडरों में से दो महिलाएं हैं, जो माओवादियों की गंगालूर क्षेत्र समिति के तहत विभिन्न विंग और संगठनों में सक्रिय थीं। एसपी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों में से पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) बटालियन नंबर 1 के सदस्य राजू हेमला उर्फ ठाकुर (35) और माओवादियों के प्लाटून नंबर 1 के सदस्य सामो कर्मा पर 2-2 लाख रुपये का इनाम था। एक अन्य आत्मसमर्पण करने वाले आरपीसी (क्रांतिकारी पार्टी समिति) के प्रमुख कैडर सुदरू पुनेम पर एक लाख रुपये का इनाम था।
एसपी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले ये तीन इनामी कैडर अतीत में सुरक्षाकर्मियों पर हुए हमलों में कथित तौर पर शामिल थे। पुलिस ने कहा कि इस आत्मसमर्पण के साथ इस साल अब तक 109 नक्सली जिले में हिंसा छोड़ चुके हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, इसी अवधि के दौरान जिले में 189 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया। बता दें कि सुरक्षाबलों द्वारा लगातार चलाए जा रहे अभियानों से माओवादियों की कमर टूट चुकी है। या तो वे सुरक्षाबलों के हाथों मारे जा रहे हैं या फिर आत्मसमर्पण करने को मजबूर हो रहे हैं।
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