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विक्रम विश्वविद्यालय में संचालित विभिन्न कोर्स में प्रवेश के लिए विश्वविद्यालय के जिम्मेदार कई तरह के जतन कर रहे है। वहीं दूसरी ओर छात्रावास में रहने वाले छात्र-छात्राओं को भीषण गर्मी में भी पीने के लिए भी पानी नही मिल रहा है। कन्या छात्रावास मेंं रह
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विक्रम विश्वविद्यालय में शुक्रवार से नए विद्यार्थियों को विभिन्न कोर्स में प्रवेश कराने के लिए विश्वविद्यालय चलो अभियान चलाया है। वहीं लाखों रूपए खर्च कर जॉब फेयर व मार्गदर्शन दिया जा रहा है। इसके विपरित विश्वविद्यालय के छात्रावास में पहले से रह रहे छात्र-छात्राओं को पीने का पानी भी नसीब नही हो पा रहा है। हालत यह है कि विश्वविद्यालय के प्रशासनिक परिसर के पास ही स्थित विद्योत्तमा कन्या छात्रावास में रहने वाली छात्राओं को पीने का पानी लाने के लिए छात्रावास से बाहर निकल कर करीब 200 मीटर दूर विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस से बोतलों में पानी लाना पड़ रहा है। हालांकि पीने के पानी की समस्या पहली बार नही हो रही है। अभी पांच दिन पहले भी बॉयस छात्रावास के छात्रों ने प्रशासनिक भवन पहुंचकर पीने के लिए भी पानी नही होने की शिकायत की थी। इसके बाद भी कोई ठोस कदम नही उठाए गए। विश्वविद्यालय के जिम्मेदार अधिकारी और शिक्षक विद्यार्थियों के प्रवेश के लिए आयोजन कर राशि खर्च कर रहे है, लेकिन विद्यार्थियों को मूलभूत सुविधाएं देने में ध्यान नही दे पा रहे है। एक यह भी कारण है कि विश्वविद्यालय के कोर्स से बच्चों की दूरी हो रही है। मामले को लेकर कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि छात्रावास में पीने के पानी की समस्या है पूर्व में भी मेरे ध्यान में लाई गई थी। तब मैनें संबंधित होस्टल के वार्डन, चीफ वार्डन और विश्वविद्यालय इंजीनियर को निर्देशित किया था। फिर भी में रिव्यू करता हूं। बच्चों को हर हालत में पानी के लिए या अन्य कोई परेशानी नही आने देंगे।
छात्रावास में कमरे कम छात्राएं अधिक
विक्रम विश्वविद्यालय के कन्या छात्रावास में कमरे कम और छात्राएं अधिक होने से रहने में भी परेशानी होती है। बताया गया कि एक कमरे में फिलहाल दो और तीन छात्राएं रह रही है। हालांकि अधिकांश छात्राएं बाहर से आई हुई है, जो शहर में नही रह सकती है वे मजबूरी में छात्रावास में रहकर परेशानी झेल रही है। आने वाले समय में नई प्रवेशित छात्राओं को भी यही रखा जाएगा। वहीं छात्रावास में भोजन के लिए भी ठेका व्यवस्था लागू कर दी है, जिसमें प्रति छात्रा करीब 120 रूपए लिया जाता है। भोजन को लेकर भी शिकायतें मिल रही है। यही स्थिति बॉयस छात्रावास की भी है। बाहर से आने वाले छात्र-छात्राएं डर के कारण शिकायत भी नही कर पाते है।
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