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टेंडर कमीशन मामले में IAS मनीष रंजन को आज ED ने समन भेज पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन, मनीष रंजन ने एक सरकारी कर्मचारी से चिट्ठी भिजवाकर दूसरी तारीख मांगी है।
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ED को जो दस्तावेज मिले हैं, उसमें M का जिक्र है। ED को शक है कि तत्कालीन ग्रामीण विकास विभाग के सचिव और वर्तमान में भवन निर्माण विभाग के सचिव मनीष रंजन हो सकते हैं।
मनीष रंजन ग्रामीण विकास विभाग में सचिव के पद पर रहे हैं। टेंडर कमीशन मामले में इनकी क्या भूमिका रही। कमीशन में इनका कितना हिस्सा रहा, क्या डायरी में दर्ज कोड नेम इनका है। ऐसे कई सवालों के जवाब आज ED मनीष रंजन से मांगेगी। मनीष रंजन को अपनी और अपने परिवार के सदस्यों की आय और संपत्ति से संबंधित दस्तावेज भी साथ लाने को कहा गया है।
चिट्ठी लेकर ईडी दफ्तर जाता सरकारी कर्मचारी।
ईडी ने इसी महीने ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम, उनके निजी सचिव संजीव लाल और संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम को गिरफ्तार किया है। इन सबसे जुड़े ठिकानों से ईडी ने करीब 37.5 करोड़ रुपए कैश के अलावा लेनदेन से संबंधित दस्तावेज, डिजिटल उपकरण भी बरामद किए थे।
IAS अधिकारी मनीष रंजन ईडी से अगली तारीख मांगी है।
झारखंड के तीसरे IAS अधिकारी ED की जांच के दायरे में
झारखंड में मनीष रंजन तीसरे आईएएस अधिकारी है जो भ्रष्टाचार के मामले में ED की रडार में आ गए हैं। इससे पहले दो आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल, छवि रंजन इस वक्त जेल में है। इन दोनों पर भ्रष्टाचार के गंभीर मामले दर्ज हैं जिसकी जांच अब भी जारी है।
एक्सेल शीट ने खोले कई राज
ED ने टेंडर कमीशन घोटाले में अब तक कई राज खोले हैं। अब तक की जांच में यह साफ पाया गया है कि ग्रामीण विकास विभाग में हुए टेंडर कमीशन घोटाले में चीफ इंजीनियर से लेकर मंत्री आलमगीर आलम तक कमीशन फिक्स था। टेंडर से मिले कमीशन के रुपए बांटने के लिए कोडवर्ड था।
गिरफ्तार संजीव लाल और उसके सहायक जहांगीर की 14 दिनों की रिमांड पूरी होने के बाद दोनों को कोर्ट में पेश किया गया। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। इसी दौरान कोर्ट में ED ने एक्सेल शीट में कमीशन का पूरा ब्योरा पेश किया था, जिसमें किसे कितना हिस्सा देना है इसका जिक्र था। इसी में एक नाम M से था। इसी अक्षर की तलाश में ED ने आज मनीष रंजन को पूछताछ के लिए बुलाया है।
कोडवर्ड में भ्रष्टाचार का खेल।
कोडवर्ड में होता था भ्रष्टाचार का खेल
ईडी ने कोर्ट में जो सबूत पेश किए थे, उनमें डायरी का एक पन्ना भी है। जिसमें ग्रामीण विकास विभाग में कमीशन के खेल के कोडवर्ड्स हैं, जिसकी मदद से रुपए बंटते थे। मंत्री के लिए ‘एच’ कोड वर्ड उपयोग किया गया था। इसका अर्थ है ऑनरेबल मंत्री यानी माननीय मंत्री, ‘एम’ का मतलब मनीष, ‘एस’ का मतलब संजीव लाल, ‘टीसी’ का अर्थ टेंडर कमेटी और ‘सीई’ का मतलब है चीफ इंजीनियर। ईडी ने कोर्ट को यह भी बताया है कि उसके हाथ एक एक्सेल शीट लगी है। इसके तीसरे पन्ने में विभागवार कमीशन का हिसाब लिखा है। इस शीट में टेंडर की कुल राशि, कमीशन की राशि और मंत्री की हिस्सेदारी का ब्योरा है।
कौन है मनीष रंजन
डॉ मनीष रंजन 2002 बैच के टॉपर और डायरेक्टर गोल्ड मेडल प्राप्त अधिकारी हैं। झारखंड राज्य के छह जिलों में उपायुक्त रहे मनीष रंजन को अपने उत्कृष्ट कार्य और नेतृत्व के लिए प्रधानमंत्री की ओर से लगातार दो वर्षों तक मनरेगा उत्कृष्टता पुरस्कार और राष्ट्रपति की ओर से निर्मल ग्राम पुरस्कार मिल चुका है।
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ईडी का दावा-3000 करोड़ का टेंडर कमीशन घोटाला:दस्तावेज में कोड वर्ड में लेनदेन, H-ऑनरेबल मिनिस्टर, DS-डिप्टी सेक्रेटरी; किसे कितनी कमीशन इसका भी जिक्र
ग्रामीण विकास विभाग में हुए टेंडर कमीशन घोटाले में ईडी हर दिन कई नए खुलासे कर रही है। ईडी ने अदालत में कई नए सबूत पेश किए हैं। पेश किए गए सबूत में ईडी ने जो जानकारी साझा की है, वह चौंकाने वाले हैं। ईडी ने जो हलफनामा दायर किया है, उसमें कहा है कि यह घोटाला 3000 करोड़ रुपए से अधिक है। ईडी ने कोर्ट में जो सबूत पेश किए हैं, उनमें पैसों के लेन-देन में कोड वर्ड का जिक्र है। किसे कलर के बैग में कौन सा पैसा है। किसे कितनी कमीशन मिलनी है, इसका भी जिक्र है। पूरी खबर पढ़िए….
झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम गिरफ्तार:ED ने 7 घंटे पूछताछ के बाद अरेस्ट किया; PS के नौकर के पास 30 करोड़ कैश मिले थे
झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को ED ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी से पहले ED ने बुधवार को उनसे 7 घंटे पूछताछ की। उनके पीएस के नौकर के घर पिछले दिनों 35 करोड़ रुपए कैश मिले थे। मामला टेंडर कमीशन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का है। आलमगीर आलम को आज ED ऑफिस में बने हाजत में रखा जाएगा। मेडिकल जांच की जाएगी। इसके बाद उन्हें गुरुवार को 10 बजे पीएमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस दौरान ईडी कोर्ट से रिमांड की मांग करेगी।
इससे पहले ED के अधिकारियों ने मंगलवार को भी उनसे 9 घंटे पूछताछ की थी। ED ने आलम को आज फिर पूछताछ के लिए बुलाया था। जांच एजेंसी की ओर से उन्हें पूछताछ के लिए 12 मई को नोटिस भेजा गया था। आलमगीर आलम झारखंड की महागठबंधन सरकार में कांग्रेस के कोटे से मंत्री हैं। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी मनी लॉन्ड्रिंग के एक अन्य मामले में ED की गिरफ्त में हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें
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