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मतगणना के दौरान रोक का आदेश लेकर पहुंचे प्रगति ग्रुप के अधिवक्ता के साथ धक्का-मुक्की भी हो गई थी।
अग्रवाल समाज सेवा समिति के चुनाव परिणाम पर रोक लगाने के सिविल न्यायालय के आदेश के खिलाफ अग्रवाल समाज सेवा समिति और निर्वतमान अध्यक्ष चन्द्रप्रकाश अग्रवाल की ओर से एडीजे-9 अदालत में अपील की गई हैं।
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अपील में कहा गया है कि सिविल न्यायालय का 21 मई का अंतरिम रोक का आदेश कानूनी तौर पर गलत है। दूसरे पक्ष को सुने बिना अंतरिम आदेश नहीं दिया जा सकता हैं। ऐसे में सिविल न्यायालय के आदेश को रद्द किया जाए।
अपील पर कोर्ट ने मामले में पक्षकार आनंद गुप्ता को नोटिस जारी करके 27 मई तक जवाब मांगा हैं।
सिविल न्यायालय ने दिया एक पक्षीय आदेश
अपीलार्थी के अधिवक्ता पवन शर्मा ने कहा कि सिविल न्यायालय का अंतरिम रोक का आदेश कानूनी तौर पर गलत हैं। दूसरे पक्ष को सुने बिना अंतरिम आदेश नहीं दिया जा सकता हैं। मामले में उनकी ओर से जवाब दे दिया है, लेकिन कोर्ट के पीठासीन अधिकारी अवकाश पर चले गए हैं, इसलिए चुनाव परिणाम पर लगी अंतरिम रोक हटाकर इस आदेश को रद्द किया जाए।
क्या है मामला
दरअसल, मतदान के बाद रविवार रात करीब 10 बजे मतगणना प्रारंभ की गई थी, लेकिन चार घंटे बाद करीब 2 बजे तकनीकी खामी आ गई थी। इससे वोटों की गिनती गड़बड़ा गई थी। इसके बाद देर रात यहां हंगामा हो गया था। करीब 3 घंटे तक चले विवाद के बाद सोमवार सुबह करीब 5 बजे मतगणना को स्थगित कर दिया गया। सभी बैलेट बॉक्स को एक कमरे में रखकर सील कर दिया गया था।
तकनीकी खामी को लेकर प्रगति ग्रुप और प्रदीप मित्तल ग्रुप ने चुनाव समिति पर लखदातार ग्रुप से मिलीभगत का आरोप लगा दिया था। उन्होंने कहा था कि लखदातार ग्रुप को फायदा पहुंचाने के लिए तकनीकी खामी के बहाने जानबूझकर मतगणना रोकी गई। इसके बाद प्रगति ग्रुप कोर्ट पहुंच गया था।
प्रगति ग्रुप के दावे पर सिविल कोर्ट ने 21 मई को मतगणना और परिणाम जारी पर रोक लगा दी थी। बाद में इसे 27 मई तक बढ़ा दिया था।
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