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पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने वाले नेताओं को नॉन परफॉर्मिंग असेट यानी डूबत बताया है। गहलोत का दावा है कि कांग्रेस के ऐसे डूबत वाले नेताओं को बीजेपी में लेने से उसकी चुनावों में हालत खराब हो गई।
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गहलोत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके कांग्रसे से बीजेपी में गए नेताओं पर तल्ख टिप्पणी की है। गहलोत ने लिखा- BJP की इन चुनावों में बुरी हालत होने का एक कारण कांग्रेस के “नॉन परफॉर्मिंग असेट” कैटिगिरी के सैकड़ों नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करना रहा। कांग्रेस से ऐसे नेताओं के बाहर जाने से कार्यकर्ताओं को अधिक मौका मिला और BJP पर ऐसे नेता लाइबिलिटी बने जिससे उनका खुद का कार्यकर्ता निराश हो गया। अहंकार की अति BJP के पतन का कारण बन रही है।
जनता का रुख देखकर BJP अब पूरी तरह हताश
गहलोत ने लिखा है- चुनावों में जनता का रुख देखकर BJP अब पूरी तरह हताश हो चुकी है। BJP ने अपने सभी नेताओं, समर्थकों और सिंपेथाइजर्स को एक ही भाषा काम में लेने के निर्देश दिए हैं, जिसमें वो पूर्ण बहुमत से जीत हासिल करने का दावा करें और जनता में BJP के पक्ष में भ्रम की स्थिति बन सके। इसी कारण अब प्रशांत किशोर सहित तमाम राजनीतिक विश्लेषकों, अर्थशास्त्रियों एवं पत्रकारों द्वारा भविष्यवाणियों की बाढ़ आ गई है।
बीजेपी में जाने वाले कई बड़े नेता गहलोत समर्थक
गहलोत ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने वाले नेताओं को नॉन परफॉर्मिंग असेट यानी डूबत करार देकर सियासी हलकों में चर्चाएं छेड़ दी है। विधानसभा चुनावों से लेकर लोकसभा चुनावों से पहले तक बड़ी तादाद में कांग्रेस के नेता बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले बड़े नेताओं में गहलोत समर्थकों की अच्छी खासी संख्या है। गहलोत सरकार में मंत्री रहे लालचंद कटारिया, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, ज्योति मिर्धा और राजेंद्र यादव ने लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जॉइन कर ली।
मालवीय ने तो विधायक का पद छोड़ा और बांसवाड़ा से बीजेपी के टिकट पर सांसद का चुनाव लड़ा। ये तीनों नेता गहलोत खेमे के थे। हालांकि कुछ पायलट समर्थक नेता भी बीजेपी में गए हैं, लेकिन बड़ी संख्या गहलोत समर्थकों की थी। अब गहलोत ने उन सब नेताओं को नॉन परफॉर्मिंग असेट बताकर कई तरह की अटकलों और नई चर्चाओं को जरूर जन्म दे दिया है। राजस्थान में लोकसभा चुनाव की वोटिंग पूरी होने के बाद गहलोत का यह बयान सियासी रूप से मायने रखता है। कांग्रेस में खेमेबंदी की सियासत के कई संकेत भी इस बयान में देखे जा रहे हैं।
ये बड़े नेता कांग्रेस छोड़ भाजपा में हुए थे शामिल
बीजेपी ने दावा किया था कि पिछले 6 महीने में कांग्रेस के करीब दस हजार नेता और कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो चुके हैं। मिर्धा परिवार से पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा के अलावा पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा और उनके बेटे और पूर्व मंत्री लालचंद कटारिया के दामाद विजयपाल मिर्धा, पूर्व सांसद खिलाड़ी लाल बैरवा और पूर्व सांसद शंकर पन्नू सहित दर्जनों पूर्व विधायक बीजेपी में शामिल हो चुके हैं।
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