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दुमका से भाजपा की प्रत्याशी सीता सोरेन की पुत्री विजयश्री ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए झामुमो पर गंभीर आरोप लगाया है। विजयश्री ने कहा कि बुधवार को नाला विधानसभा क्षेत्र के तेजोरिया गांव के निकट शाम पांच बजे उन पर झामुमो के कार्यकर्ताओं द्वारा जानलेवा हमला करने की साजिश की गई थी। हालांकि परिस्थिति को भांपते हुए वह वहां से किसी तरह निकल गईं। उनके साथ उनकी बहन जयश्री के अलावा भाजपा के नेता सत्यानंद झा बाटुल चुनाव प्रचार में निकले थे। विजयश्री ने आरोप लगाया कि झामुमो कार्यकर्ताओं के उस भीड़ का नेतृत्व विधानसभा अध्यक्ष का पुत्र कर रहा था। विजयश्री ने कहा कि यह साजिश उनकी चाची कल्पना सोरेन की शह पर की गई थी। ऐसी हरकतों से हम डरने वाले नहीं हैं। झामुमो का विकास से कोई लेना देना हैं। ऐसे हथकंडों से चुनाव जीतना चाहता है लेकिन अब दुमका में गुंडाराज नहीं चलेगा। जिस पार्टी को हमारे स्व. पिता दुर्गा सोरेन और दादा शिबू सोरेन ने सींचा है उसी पार्टी का इस्तेमाल कल्पना सोरेन कर रही है। जयश्री ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष रविंद्रनाथ महतो संवैधानिक पद पर रहते हुए चुनाव प्रचार कर रहे हैं जो अनुचित है।
मौके पर मौजूद प्रत्याशी सीता सोरेन ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान यह काफी घटिया हरकत किया गया है। एक सवाल के जवाब में कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में राज्य सरकार सभी कैबिनेट मंत्रियों को होटवार जेल जाना पड़ेगा। आने वाले दिनों में कल्पना सोरेन को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बोलने के लिए कुछ नहीं बचेगा।
आरोप पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित : रविंद्रनाथ सीता सोरेन की पुत्री विजयश्री के आरोपों को एक सिरे से खारिज करते हुए नाला के विधायक सह विधानसभा अध्यक्ष रविंद्रनाथ महतो ने कहा कि उनका पुत्र या भाई ऐसा काम हरगिज नहीं कर सकते हैं। राज्य की जनता भी यह जानती है कि उनका पुत्र उद्दंड नहीं है। कहा कि यह आरोप पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। रविंद्रनाथ महतो ने कहा कि तिजोरिया के पास झामुमो का पार्टी कार्यालय है। उसी के समीप बुधवार की शाम भाजपा नेता सत्यानंद झा बाटुल अपने समर्थकों के साथ बैठे थे। उसी दौरान इन लोगों ने झामुमो कार्यकर्ताओं ने इनके खिलाफ अपशब्द कहा गया जिससे उनके पार्टी कार्यकर्ता भड़क गए और इसका विरोध किया है। जहां तक चुनाव प्रचार का सवाल है तो वह झामुमो के विधायक भी हैं। वह मर्यादित ढंग से जनसंपर्क कर रहे हैं। किसी भी तरह का मंच साझा नहीं कर रहे हैं। इसमें कोई गलत बात क्या है। वह आगे भी जनसंपर्क अभियान जारी रखेंगे। रविंद्रनाथ ने भाजपा नेता सत्यानंद झा बाटुल के चाल-चरित्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि उसकी कार्यशैली से क्षेत्र की जनता ने उसे नकार दिया है। अब वह मात्र राजनीतिक षडयंत्र ही करने लायक है।
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