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चरखी दादरी में चल रही साधू की तपस्या।
हरियाणा के चरखी दादरी में 45 डिग्री तापमान में तपती गर्मी में साध की आग के धूणों के बीच तपस्या चल रही है। भिवानी के सिद्ध पीठ बाबा जहर गिरी आश्रम के पीठाधीश्वर अंतरराष्ट्रीय श्री महंत जूना अखाड़ा डा. अशोक गिरी महाराज के शिष्य मोक्ष गिरी ने 14 मई से 5
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गुरुवार को उनकी तपस्या का 10वें दिन है। जहर गिरी आश्रम के प्रवक्ता सुरेश सैनी ने देते हुए बताया कि जेठ के महीने में अक्सर साधु अग्नि तपस्या करते हैं। इसमें अपनी सामर्थ्य के अनुसार धूणी लगाकर अग्नि प्रज्वलित करके हठयोग द्वार कल्याण की भावना से तप करते हैं। इसमें हर दिन कंडों की संख्या डबल हो जाती है। इसके बीच में बैठकर साधु तपस्या करता है। उन्होंने बताया कि इस तपस्या में प्रतिदिन शिव सहस्रनाम से पूजा करके तपस्या आरंभ करते हैद्ध
अग्नि तपस्या करते हुए साधू।
इस तरह के हठयोग में साधु अपने शरीर में भभूत लगाकर अग्नि के ढेर के बीच बैठता है। इस मौके पर स्वामी महामंडलेश्वर संगम गिरी ने बताया के जेष्ठ तपस्या की परंपरा पौराणिक काल से चली आ रही है। इसे माता पार्वती ने भी भगवान शिव से विवाह करने के लिए किया था।
वहीं साधुओं की परंपरा में इसे जूना अखाड़ा के नागा साधुओं ने गुरु गोरखनाथ, और रामदास जी ने भी अपनी साधना के लिए हठयोग किया था। आदि शंकराचार्य ने भी तपस्या की महिमा को अनेकों बार अपने शिष्यों को बताया है।
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